Contract Employees Regularization 2024 Latest News: नए साल से पहले संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर बड़ा अपडेट, डबल इंजन की सरकार के मंत्री ने दी अहम जानकारी
Contract Employees Regularization 2024 Latest News: नए साल से पहले संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर बड़ा अपडेट, डबल इंजन की सरकार के मंत्री ने दी अहम जानकारी
Contract Employees Regularization News | Image Source: Customize IBC24
लखनऊ: Contract Employees Regularization 2024 Latest News संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण का मुद्दा दिन ब दिन गरमाते जा रहा है। राज्यों से निकलकर अब ये मुद्दा देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच चुका है। देश भर के संविदा कर्मचारी अपनी नियमितीकरण की मांग को लेकर मोर्चा खोले हुए हैं। लेकिन इस बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने नए साल से पहले संविदा कर्मचारियों को लेकर स्थिति साफ कर दी है। तो चलिए जानते हैं सविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण को लेकर क्या है सराकार की मंशा?
Contract Employees Regularization 2024 Latest News दरअसल, यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सपा विधायक पंकज मलिक ने शिक्षा मित्रों के मानदेय और नियमित करने को लेकर सवाल उठाया था । उन्होंने पूछा था कि राज्य सरकार यूपी के शिक्षामित्रों के मानदेय बढ़ाने और नियमित करने को लेकर क्या विचार कर रही है?
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सपा विधायक के सवालों पर जवाब देते हुए बेसिक शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने सदन में बताया कि शिक्षामित्रों का न तो अभी मानदेय बढ़ेगा और न ही उन्हें नियमित किया जाएगा। बता दे कि वर्तमान में प्रदेश में शिक्षामित्र को 10000 मानदेय मिल रहा है। यानि एक बार फिर शिक्षा मित्रों के हाथ सिर्फ निराशा ही लगी है।
गौरतलब है कि वर्तमान में यूपी में करीब 1 लाख 48 हजार शिक्षामित्र तैनात है।करीब 20 हजार से ज्यादा शिक्षामित्रों ने नौकरी छोड़ दी ऐसे में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक छात्र का अनुपात 1:30 होना चाहिए, लेकिन यह अनुपात 1:22 हो गया है।शिक्षामित्रों की संख्याबल के कारण ही शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि फिलहाल सहायक टीचर भर्ती की आवश्यकता नहीं है।
क्या है पूरा मामला?
- साल 2001 में यूपी प्रदेश में शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई थी। समाजवादी पार्टी के शासनकाल में 2013-14 में 1 लाख 78 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया था, हालांकि इस समायोजन के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील दायर की गई, जिसके बाद सितंबर 2015 को हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन को रद्द करने का आदेश दे दिया।
- इसके बाद राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई, जहां SC ने समायोजन रद्द कर दिया था।
- सरकारी वकील ने हाईकोर्ट के 12 जनवरी 2024 के आदेश के अनुपालन में शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई गई थी। समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार कोभी 9 अगस्त 2024 को सौंप दी है।
- वित्तीय बोझ को देखते हुए वित्त विभाग को भी रिपोर्ट भेजी गई है।इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि जल्द सरकार मानदेय बढ़ोत्तरी का फैसला ले सकती है लेकिन सरकार के बयान ने शिक्षामित्रों को निराश कर दिया है।
FAQ Section:
उत्तर प्रदेश सरकार ने स्पष्ट किया है कि शिक्षामित्रों का न तो मानदेय बढ़ेगा और न ही उन्हें नियमित किया जाएगा। सरकार ने फिलहाल इस मुद्दे पर कोई बदलाव नहीं किया है।
उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों की नियुक्ति 2001 में की गई थी। वर्तमान में प्रदेश में करीब 1 लाख 48 हजार शिक्षामित्र कार्यरत हैं, जिनमें से 20,000 से अधिक ने नौकरी छोड़ दी है।
सरकार ने शीतकालीन सत्र में बताया कि फिलहाल शिक्षामित्रों के मानदेय में बढ़ोतरी करने का कोई विचार नहीं है, और न ही उन्हें नियमित किया जाएगा।
हां, 2015 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन को रद्द कर दिया था, जिसे राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी।
2024 में सरकार ने एक उच्चस्तरीय समिति बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंप दी है। सरकार अब वित्तीय बोझ का मूल्यांकन कर रही है, और इस पर निर्णय लिया जा सकता है।

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