Haryana and J&k Election Results 2024 : हरियाणा और जम्मू कश्मीर में किसकी सरकार? आज होगा फैसला, कुछ ही देर में शुरू होगी काउंटिंग
हरियाणा और जम्मू कश्मीर में किसकी सरकार? Counting for Haryana and Jammu Kashmir assembly elections will begin at 8 am
Vote Counting Rules Changed. Image Source- IBC24 Archive
नई दिल्लीः Haryana and J&k Election Results 2024 हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों 90-90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था। जम्मू कश्मीर में तीन फेज में वोटिंग हुई थी। वहीं हरियाणा में सिर्फ एक फेज यानी 5 अक्टूबर को मतदान हुआ था। आज दोनों राज्यों के चुनाव नतीजों का ऐलान होगा। सुबह 8 बजे से मतगणना शुरू होगी। इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर लगी गई है।
हरियाणा में 93 मतगणना केंद्र बनाए गए
Haryana and J&k Election Results 2024 हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 22 जिलों के 90 विधानसभा क्षेत्रों के लिए 93 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। बादशाहपुर, गुरुग्राम और पटौदी विधानसभा क्षेत्रों के लिए दो-दो मतगणना केंद्र बनाए गए हैं, जबकि शेष 87 विधानसभा क्षेत्रों के लिए एक-एक मतगणना केंद्र बनाया गया है, जहां मतगणना होगी। मतगणना प्रक्रिया की निगरानी के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 90 मतगणना पर्यवेक्षक भी नियुक्त किए गए हैं। 93 मतगणना केंद्रों पर केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की कुल 30 कंपनियां तैनात की गई हैं।
जम्मू कश्मीर: चुनाव नतीजों के लिए 28 मतगणना केंद्र बनाए गए
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में 90 विधानसभा सीटों के चुनाव नतीजों के लिए 28 मतगणना केंद्र बनाए गए हैं। 90 मतदान अधिकारी और उनकी सहायता के लिए 119 सहायक मतदान अधिकारी लगाए गए हैं। मतगणना एक हजार चालीस मेजों पर होगी, इसमें ईवीएम में मिले वोटों की गिनती की जाएगी। इसके अलावा मतगणना पर्यवेक्षक पूरी प्रक्रिया पर कड़ी निगाह रखेंगे। मतगणना केंद्र के सौ मीटर के दायरे में किसी तरह भी गतिविधि की इजाजत नहीं होगी। वहां विशेष जांच चौकियां भी स्थापित की गई हैं। मतपेटियों को कड़ी निगरानी में मतगणना केंद्रों पर लाने के लिए पूरी प्रक्रिया की विडियो रिकार्डिंग कराई गई थी। पूरी प्रक्रिया में आयोग ने विशेष एहतियात बरता है।
जम्मू-कश्मीर में तस्वीर दिलचस्प, छोटे दल और निर्दलीयों पर नजर
जम्मू-कश्मीर में इस बार कश्मीर संभाग चुनाव के केंद्र में रहा। सत्ता हासिल करने के लिए भाजपा की रणनीति जम्मू संभाग पर केंद्रित रही, तो नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन ने दोनों संभाग में बढ़त लेने की रणनीति बनाई। कश्मीर संभाग में जमात के परोक्ष रूप से उतरने, अलगाववादी नेता इंजीनियर रशीद के पार्टी बनाकर सामने आने और कई निर्दलीयों के ताल ठोकने से तस्वीर दिलचस्प हो गई। अनुमान है कि राज्य में सत्ता की चाबी इन्हीं छोटे दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के पास रहेगी।भाजपा और नेकां-कांग्रेस की रणनीति त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति में निर्दलीयों व छोटे दलों को साधने की होगी। इसके अलावा उपराज्यपाल की ओर से मनोनीत होने वाले 5 विधायकों की भूमिका भी अहम होगी।

Facebook



