‘संबंध बनाओ नहीं तो कमरा खाली करो’ सामने आई सरकारी गर्ल्स हॉस्टल के वार्डन की करतूत, छात्राओं ने बयां किया दर्द

Hostel Ki ladkiyon par sambandh banane ka dabav हॉस्टल में समलैंगिक रिश्ता बनाने को कहा जाता था, अधिकतर लड़कियों के एक-दूसरे के साथ संबंध

‘संबंध बनाओ नहीं तो कमरा खाली करो’ सामने आई सरकारी गर्ल्स हॉस्टल के वार्डन की करतूत, छात्राओं ने बयां किया दर्द

Hostel Ki ladkiyon par sambandh banane ka dabav

Modified Date: January 24, 2023 / 11:10 pm IST
Published Date: January 24, 2023 7:25 pm IST

Hostel Ki ladkiyon par sambandh banane ka dabav: पोरबंदर। गुजरात के पोरबंदर में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। यहां के प्रतिष्ठित आर्य कन्या गुरुकुल में आठवीं कक्षा की एक छात्रा और उसके माता-पिता ने सनसनीखेज आरोप लगाये हैं। छात्रा का दावा है कि हॉस्टल में लड़कियों के एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध हैं। उस पर भी दूसरी लड़कियों के साथ समलैंगिक सम्बन्ध बनाए जाने का दबाव डाला गया। छात्रा के इन आरोपों के बाद विवाद खड़ा हो गया है। उनका आरोप है कि हॉस्टल में लड़कियों से जबरन संबंध बनाए जाते हैं। एक महीने पहले आर्य कन्या गुरुकुल में शामिल हुई कक्षा 8 की एक छात्रा ने आरोप लगाया है, हॉस्टल के अन्य साथी उससे समलैंगिक संबंधों में आने के लिए कहते थे, अगर आप नहीं आते हैं, तो वे परेशान करते थे।

Hostel Ki ladkiyon par sambandh banane ka dabav: पीड़ित छात्रा के माता-पिता ने कहा, हॉस्टल में अधिकांश छात्राएं समलैंगिक संबंधों में हैं, छात्रावास में एक रैकेट चल रहा है, यहां तक कि छात्रावास के वार्डन को भी इसकी जानकारी है, नए छात्राओं पर संबंध बनाने का दबाव डाला जाता है, हमारी बेटी ने इस मामले को दो-तीन बार प्रिंसिपल के सामने उठाया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए परिवार ने स्कूल और हॉस्टल से लीविंग सर्टिफिकेट ले लिया है। मामला जिला बाल कल्याण समिति के संज्ञान में आते ही इसकी सदस्य डॉ. चेतनाबेन तिवारी ने जांच शुरू कर दी है। जिला पुलिस ने भी मामले की समानांतर जांच शुरू कर दी है।

Hostel Ki ladkiyon par sambandh banane ka dabav: गुरुकुल की प्रधानाचार्य रंजनाबेन मजीठिया ने कहा- ये निराधार आरोप हैं। इस संस्थान की स्थापना 1936 में हुई थी और आज तक ऐसी घटना न तो हुई है और न ही भविष्य में होगी। उसने कहा कि लड़की को उसके माता-पिता ने उसकी इच्छा के विरुद्ध गुरुकुल में भेजा था। वह गुरुकुल के वातावरण में समायोजित नहीं हो सकी और इसलिए वह और उसके माता-पिता निराधार आरोप लगा रहे हैं। गुरुकुल के प्राचार्य और प्रबंधन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे संस्थान की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का प्रयास बताया है।

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