Goa Revolution Day : आज मनाया जा रहा है गोवा क्रांति दिवस, जानें क्यों देश की आजादी के 14 साल बाद आजाद हुआ ये राज्य

Goa Revolution Day : 18 जून गोवा के लिए महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि इसी दिन गोवा की आजादी की नींव पड़ी थी। स्वतंत्रता सेनानी और देश के

Goa Revolution Day : आज मनाया जा रहा है गोवा क्रांति दिवस, जानें क्यों देश की आजादी के 14 साल बाद आजाद हुआ ये राज्य

Goa Revolution Day

Modified Date: June 18, 2023 / 10:24 am IST
Published Date: June 18, 2023 10:24 am IST

गोवा : Goa Revolution Day : 18 जून गोवा के लिए महत्वपूर्ण तारीख है क्योंकि इसी दिन गोवा की आजादी की नींव पड़ी थी। स्वतंत्रता सेनानी और देश के बड़े सोशलिस्ट नेता राम मनोहर लोहिया का इससे खास संबंध था। उनका गोवा की आजादी में खास योगदान था। 18 जून को गोवा क्रांति दिवस के तौर पर मनाया जाता है। भारत भले ही 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था लेकिन गोवा को आजाद होने में 14 साल और लगे।

इसकी वजह ये थी कि गोवा ब्रिटेन के नहीं बल्कि पुर्तगालियों के अधीन था। गोवा को आजाद करने में राम मनोहर लोहिया के साथ डॉ. जुलियो मेनजेस का भी महत्वपूर्ण योगदान था। आपको बता दें कि एक समाजवादी नेता ने कैसे गोवा को आजादी दिलाने का बीड़ा उठाया।

यह भी पढ़ें : तूफान बिपरजॉय का प्रदेश में दिखेगा असर, मालवा निमाड़ के 12 जिलों में बारिश की चेतावनी

 ⁠

19 दिसंबर 1961 को पुर्तगालियों के कब्जे से मुक्त हुआ गोवा

Goa Revolution Day :  18 जून 1946 करे दिन डॉ राम मनोहर लोहिया ने गोवा की जनता को पुर्तगालियों के खिलाफ मोर्चा खोलने के लिए प्रेरित किया था। उनकी इस पहल ने आगे चलकर क्रांति का रूप लिया। इसके बाद देश के तटीय इलाके गोवा की आजादी के लिए एक लंबा आंदोलन चला। आखिरकार 19 दिसंबर 1961 को गोवा पुर्तगालियों के कब्जे से बाहर निकल गया और भारत में शामिल हो गया।

भारतीय सेना ने पुर्तगाल से गोवा को आजाद कराने के यहां आक्रमण किया था। इसके बाद गोवा आजाद हुआ लेकिन पूर्ण राज्य बनने में उसे 26 साल और लगे। गोवा की आजादी के एक साल बाद वहां चुनाव हुए और दयानंद भंडारकर गोवा के पहले निर्वाचित मुख्यमंत्री बने। गोवा के महाराष्ट्र में विलय को लेकर जनमत संग्रह हुआ। इस जनमत संग्रह में लोगों ने केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रहना पसंद किया। इसके बाद 30 मई 1987 को गोवा को अलग राज्य का दर्ज मिला और ये देश का 25वां पूर्ण राज्य बना।

यह भी पढ़ें : Alia Bhatt in Hollywood: हॉलीवुड फिल्मों में आलिया भट्ट की एंट्री, ‘Heart of Stone’ में आएंगी नजर

पुर्तगालियों की मंशा भांप गए थे लोहिया

Goa Revolution Day :  साल 1946 में जब देश की आजादी का आंदोलन चरम पर था और इस बात के पूरे संकेत मिल रहे थे कि अंग्रेज भारत को जल्द ही आजाद कर देंगे। तब देश के ज्यादातर नेताओं का मानना था कि पुर्तगाली भी गोवा को आजाद कर देंगे और अंग्रेजों की तरह देश छोड़कर चले जाएंगे। लेकिन लोहिया की राय इससे अलग थी। वो पुर्तगालियों की मंशा भांप चुके थे।

इसी वजह से 18 जून 1846 को राम मनोहर लोहिया ने डॉ जुलियो मेनजेस के साथ मिलकर एक बड़ी बैठक बुलाई। डॉ. जुलियो मेनजेस की बात करें तो वो गोवा के ही रहने वाले थे और राम मनोहर लोहिया के गोवा की आजादी के बारे में विचार से सहमत थे। इस बैठक में इन दोनों गोवा के लोगों को आजादी के लिए आंदोलन चलाने के लिए प्रेरित किया।

यह भी पढ़ें : India News Today Live 18 June: ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित करेंगे पीएम मोदी, एक हफ्ते पहले हो रहा प्रसारण 

पुर्तगालियों ने गोवा में 450 साल तक किया शासन

Goa Revolution Day :  साल 1510 में पुर्तगालियों ने बीजापुर सुल्तान यूसुफ आदिल शाह को हराकर गोवा को अपने कब्जे में ले लिया था। इस काम में पुर्तगालियों की मदद उनके एक स्थानीय सहयोगी तिमैया ने की थी, इसके बाद 450 सालों तक गोवा में पुर्तगाल का शासन रहा। भारतीय सेना ने ऑपरेशन विजय अभियान के अंतर्गत 9 और 9 दिसंबर 1961 को पुर्तगालियों के ठिकाने पर बमबारी की।

इसके 10 दिन बाद 19 दिसम्बर, 1961 को तत्कालीन पुर्तगाली गवर्नर मैन्यू वासलो डे सिल्वा ने भारत के सामने हथियार डाल दिए और सरेंडर कर दिया। दमन द्वीप भी उस समय गोवा का हिस्सा था, तो इस तरह गोवा के साथ दमन दीव भी इस दिन आजाद हुआ।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


लेखक के बारे में

I am a content writer at IBC24 and I have learned a lot here so far and I am learning many more things too. More than 3 years have passed since I started working here. My experience here has been very good.