Holika Dahan 2023 : होलिका दहन की पूजा में शामिल करें ये सामग्री, एक गलती आपको पड़ सकती है भारी
Holika Dahan 2023 : हिंदू धर्म में होली का त्योहार बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन
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नई दिल्ली : Holika Dahan 2023 : हिंदू धर्म में होली का त्योहार बहुत ही धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन होलिका दहन किया जाता है और अगले दिन देशभर में रंगों का त्योहार होली मनाई जाती है। बता दें कि इस बार होलिका दहन 7 मार्च के दिन किया जाएगा और होली का पर्व 8 मार्च को मनाया जाएगा।
इन बातों का रखें खास ख्याल
Holika Dahan 2023 : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन के दिन पूजा करने से घर में किसी प्रकार का कोई संकट नहीं आता। इस दिन पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। इस दिन महिलाएं दिन के समय होलिका पूजा करती हैं और शाम को शुभ मुहूर्त में दहन किया जाता है। ज्योतिषीयों का कहना है कि होलिका दहन की पूजा करते समय कोई गलती नहीं करनी चाहिए। कहते हैं कि आपकी एक गलती परिवार के सदस्यों पर भारी पड़ सकती है। जानें इस होलिका दहन के लिए पूजन सामग्री और किन बातों का रखें खास ख्याल।
होलिका दहन के लिए पूजन सामग्री
Holika Dahan 2023 : होलिका दहन से पहले महिलाएं घर के बड़ों और बच्चों के साथ होलिका पूजन को जाती हैं। इस दिन घर के पास किसी चौराहे पर गोबर के उपले व लकड़ियों से होलिका बनाई जाती है। इसके बाद विधिविधान के साथ पूजन किया जाता है। इस दिन पूजन सामग्री में कच्चा सूत, जल का लोटा, गुलाल, मीठे पकवान, गोबर की बनी होलिका, बताशे, रोली, गेंहू का बालियां, साबुत हल्दी, साबुत मूंग और फूलों की माला जरूर शामिल करें। इन चीजों के साथ होलिका पूजन करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
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इन बातों का रखें खास ख्याल
Holika Dahan 2023 : – ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन की पूजा से पहले सर्वप्रथम गणेश भगवान और फिर हनुमान जी और शीतला माता को प्रणाम करना न भूलें।
– होलिका दहन की पूजा के दौरान जरूर सामग्री जैसे घी का दीपक, फूलों की माला, चावल, पानी और जौं-गेंहू आदि अर्पित करें।
– कहते हैं कि होलिका दहन के बाद ठंडा पानी जरूर डालना चाहिए।
– होलिका दहन के बाद घर आकर होलिका दहन की कथा और आरती अवश्य करें. इसके बाद ही पूजा को पूर्ण माना जाता है।
– कहते हैं कि होलिका दहन पूर्णिमा तिथि के दिन होता है. ऐसे में अगर कोई इस दिन पूर्णिमा का व्रत रखता है, तो उसे विधिपूर्वक सत्यनारायण भगवान की पूजा और कथा भी करनी चाहिए।
– होलिका दहन के समय मन में बुरे विचारों को न आने दें. मन में भगवान के नाम का स्मरण करें।
– ऐसा माना जाता है कि रात्रि में होलिका दहन से पहले स्नान अवश्य कर लें इसके बाद ही पूजा में शामिल हों।

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