The process of free hold of more than 600 shops in the municipal area is hanging in the balance
Adhar mein latakee dukaanon ke Free hold ki prakriya: रायगढ़। राज्य शासन ने नगरीय निकायों के द्वारा निर्मित दुकानों को भले ही फ्री होल्ड करने का निर्णय लिया हो, लेकिन रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में दुकानों के फ्री होल्ड की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है। नगर निगम के पास दुकानों की जमीन का स्वामित्व नहीं होने के कारण तकरीबन 13 जगहों पर निर्मित 600 से अधिक दुकानों के फ्री होल्ड की प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। ऐसे में एक ओर जहां कारोबारी परेशान हो रहे हैं, तो वही दूसरी ओर भाजपा इसके लिए शहर सरकार को दोषी ठहरा रही है।
600 से अधिक दुकानों के फ्री होल्ड को लेकर संशय
दरअसल, नगरीय निकायों में नगर निगम के मद से निर्मित दुकानों को राज्य शासन ने दुकानदारों को निश्चित राशि लेकर फ्री होल्ड पर देने का निर्णय लिया है। रायगढ़ नगर निगम में भी तकरीबन 3 हजार दुकानें इस दायरे में आ रही हैं। हालांकि इसमें से 600 से अधिक दुकानों के फ्री होल्ड को लेकर संशय की स्थिति है।
ऐसा इसलिए क्योंकि नगर निगम ने जिन जमीनों पर दुकानों का निर्माण कराया है उसे नजूल जमीन से आबंटन ही नहीं कराया है। शहर के जेल कांपलेक्स, आईटीआई परिसर, चक्रधऱ नगर, ट्रांसपोर्टनगर इलाके में निगम ने कुछ साल पहले दुकानों का निर्माण तो कर दिया, लेकिन इनकी जमीनें अब तक निगम के नाम हस्तांतरित नहीं है। ऐसे में ये अवैध निर्माण की श्रेणी में आ रहे हैं।
सफाई दे रहे नगर निगम के अधिकारी
आलम ये है कि अवैध निर्माण होने के चलते इन दुकानों का फ्री होल्ड नहीं हो पा रहा है। निगम क्षेत्र की तकरीबन 6 सौ दुकानों के फ्री होल्ड की प्रक्रिया अटकी हुई है। मामले को लेकर भाजपा शहर सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। भाजपा का कहना है कि निगम ने जमीन का अलाटमेंट कराए बिना दुकानों का अनाप शनाप निर्माण किया है। ऐसे में अब फ्री होल्ड में तकनीकी अडचनें आ रही हैं।
Adhar mein latakee dukaanon ke Free hold ki prakriya: ये शहर सरकार की लापरवाही को दर्शाता है। इधर मामले में नगर निगम के अधिकारी सफाई दे रहे हैं। निगम के राजस्व प्रभारी का कहना है कि जमीनों का हस्तांतरण नहीं होने की वजह से कई दुकानों के फ्री होल्ड की प्रक्रिया अटकी है। इसके लिए राज्य शासन को पत्र लिखा गया है। शासन से मार्गदर्शन मिलते ही दुकानों को फ्री होल्ड कर आबंटन की प्रक्रिया की जाएगी।