Jatigat Janganana News: बिहार के बाद अब इस राज्य में भी होगी जातिगत जनगणना.. CM का ट्वीट “जिसकी जितने हिस्सेदारी…”
Jatigat Janganana kya hain
रांची: बिहार के बाद अब झारखंड सरकार ने जातीय जनगणना को मंजूरी दे दी है। हाल ही में सीएम चंपई सोरेन ने जाति जनगणना मंजूरी को लेकर ट्वीट किया है। गौरतलब हैं कि झारखंड के निवासी बहुत लंबे समय से जाति जनगणना की मांग कर रहे हैं और झारखंड में चंपई सोरेन के मुख्यमंत्री का पद संभालने और कैबिनेट मंत्री बनने के बाद ही झारखंड में जाति जनगणना को मंजूरी दी गई है। झारखंड के मुख्यमंत्री ने एक्स (ट्विटर) के माध्यम से राज्यवासियों को इस खबर की जानकारी दी।
बिहार में हो चुकी हैं जनगणना
बिहार में नीतीश कुमार की सरकार ने जातीय जनगणना करा ली है। इसे देखते हुए झारखंड में भी राजनीतिक दलों ने दबाव बनाया है। बिहार की तर्ज पर जाति जनगणना की मांग राजनीतिक दल उठाते रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों की दलील है कि बिहार की तरह झारखंड में भी स्पष्ट होना चाहिए कि किस जाति की कितनी संख्या है। इसके आधार पर हिस्सेदारी तय होनी चाहिए। सदन और सदन के बाहर इस मांग को लेकर आवाज उठती रही है। कांग्रेस, राजद, आजसू सहित दूसरे दल लगातार मांग करते रहे हैं।
जिसकी जितनी संख्या भारी,
उसकी उतनी हिस्सेदारी।झारखंड है तैयार !! pic.twitter.com/FPnZui6W62
— Champai Soren (@ChampaiSoren) February 18, 2024
क्या है जातिगत जनगणना?
बता दें कि भारत में हर 10 साल में एक बार जनगणना की जाती है। इससे सरकार को विकास योजनाएं तैयार करने में मदद मिलती है। किस तबके को कितनी हिस्सेदारी मिली, कौन हिस्सेदारी से वंचित रहा, इन सब बातों का पता चलता है। कई नेताओं की मांग है कि जब देश में जनगणना की जाए तो इस दौरान लोगों से उनकी जाति भी पूछी जाए। इससे हमें देश की आबादी के बारे में तो पता चलेगा ही, साथ ही इस बात के जानकारी भी मिलेगी कि देश में कौन सी जाति के कितने लोग रहते है। सीधे शब्दों में कहे तो जाति के आधार पर लोगों की गणना करना ही जातीय जनगणना कहलाता है।

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