MP Civil Judge Bharti: हाई कोर्ट ने हटाई सिविल जज भर्ती पर लगी रोक, इतने महीने के अंदर प्रक्रिया पूरी करने के दिए निर्देश
MP Civil Judge Bharti: हाई कोर्ट ने हटाई सिविल जज भर्ती पर लगी रोक, इतने महीने के अंदर प्रक्रिया पूरी करने के दिए निर्देश
MP Civil Judge Bharti/Image Credit: IBC24 File
- HC ने हटाई सिविल जज भर्ती पर लगी रोक
- 3 माह में पूरी करें सिविल जज भर्ती प्रक्रिया
- HC ने रोक हटाकर जारी किया संशोधित आदेश
MP Civil Judge Bharti: जबलपुर। मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने सिविल जज भर्ती पर लगी रोक हटा दी है। बता दें कि, HC ने रोक हटाकर संशोधित आदेश जारी किया है और 3 महीने के अंदर सिविल जज भर्ती प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि, HC के फैसले के अधीन भर्तियां रखी जाएंगी। सिविल जजों के रिक्त पद भरने के SC के निर्देश पर आदेश दिया है।हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस विवेक जैन की खंडपीठ ने ये फैसला सुनाया है। आरक्षण नियमों का पालन ना होने पर HC ने रोक लगाई थी।
17 नवंबर 2023 को जारी हुआ था विज्ञापन
दरअसल, एमपी हाईकोर्ट द्वारा 17 नवंबर 2023 को व्यवहार न्यायाधीश, कनिष्ठ खंड (प्रवेश स्तर) के 06 पद दिव्यांगों सहित कुल 138 पदों का विज्ञापन जारी किया गया था। जारी विज्ञापन के अनुसार, अनारक्षित वर्ग के 31 तथा अनारक्षित वर्ग बैकलॉग 17 पद, अनुसूचित जाति के 09 तथा वेकलाग 11 पद, अनुसूचित जनजाति के 12 वेकलाग 109 पद, ओबीसी के 09 वेकलाग के 01 पद, दिव्यांगों के लिए 06 पद, इस प्रकार सिविल जज हेतु कुल 138 पदों की पूर्ति का नोटिफिकेशन जारी किया गया था। सिविल जज भर्ती को लेकर एडवोकेट यूनियन फॉर डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस की ओर से आपत्ति जताई गई थी। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ वकील रामेश्वर सिंह ठाकुर और विनायक प्रसाद शाह ने अदालत में तर्क रखा। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि, अनारक्षित वर्ग का बैकलॉग नहीं हो सकता, इसलिए वो पद नियम के खिलाफ हैं।
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हाईकोर्ट ने सिविल जज भर्ती पर इसलिए लगाई थी रोक
याचिकाकर्ताओं ने बताया कि, प्रारंभिक परीक्षा के बाद जो नियम है उसमें मेरिट के आधार पर 3 गुना उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। साथ ही ये आरोप था कि अनारक्षित वर्ग की लिस्ट में आरक्षित वर्ग के प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को शामिल नहीं किया गया, जो की भेदभाव है। इन सब मुद्दों को देखते हुए हाईकोर्ट ने पहले पूरी भर्ती पर रोक लगा दी थी।

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