#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : बेहतर टाइम मैनेजमेंट से पाई सफलता, प्राची पंजाबी ने GPM जिले में टॉप कर बढ़ाया माता-पिता का मान, सीएम भूपेश ने किया सम्मानित

#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : बेहतर टाइम मैनेजमेंट से पाई सफलता : Prachi Punjabi raised the honor of parents by topping GPM district

#स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप 2022 : बेहतर टाइम मैनेजमेंट से पाई सफलता, प्राची पंजाबी ने GPM जिले में टॉप कर बढ़ाया माता-पिता का मान, सीएम भूपेश ने किया सम्मानित
Modified Date: November 29, 2022 / 04:23 am IST
Published Date: July 7, 2022 7:52 pm IST

अपने सामाजिक सरोकारो को निभाते हुए IBC24 समाचार चैनल हर साल स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप सम्मान से जिले की टॉपर बेटियों को सम्मानित करता है। इस वर्ष भी प्रदेश टॉपर बेटी-बेटियों को IBC24 स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप से सम्मानित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की ओर से आयोजित बोर्ड परीक्षा में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की प्राची पंजाबी ने अपना परचम लहराया है। कड़ी मेहनत से प्राची पंजाबी बायो ग्रुप में 460 अंक हासिल कर जिले में पहला स्थान प्राप्त किया है। उनके इस मेहनत के लिए IBC24 समाचार चैनल की ओर से स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्रदान किया गया है।

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प्राची कहती है कि मुझे हमेशा मेरे पापा का वह वाक्य याद रहता है, जिसमें वे कहते हैं आप अपना सर्वश्रेष्ठ करो, बाकी सब अच्छा ही होगा। इस वाक्य को साकार करने में मेरी मम्मी की भूमिका अहम है। वे पारिवारिक परिस्थितियों के कारण अधिक पढ़-लिख तो नहीं पाईं, लेकिन पढ़ाई-लिखाई के महत्व को खूब समझा। मेरे लिए कौन सी चीज की जरूरत है। कब मुझे पढ़ना है और क्या रणनीति हो, यह सब उन्होंने हरदम बताया। आज की सफलता मेरे संयुक्त परिवार के सभी सदस्यों के नाम है। स्कूल शिक्षकों ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। बीते वर्ष जब कोरोना का संक्रमण फैल रहा था तो चारों तरफ निराशा का माहौल था। मगर मैंने हार नहीं मानी। इस दौरान मुझे घरेलू काम-काज भी करने पड़े। ऑनलाइन क्लासेस की। साथ में अन्य माध्यमों से भी अपने सब्जेक्ट को क्लीयर किया। सोशल मीडिया का बहुत सीमित इस्तेमाल किया। जरूरत के कंटेंट को ही कंज्यूम किया। कभी बेवजह वॉट्सएप, फेसबुक पर नहीं रही। न ही मोबाइल में टाइम वेस्ट किया। रोज 8 से 9 घंटों की पढ़ाई की रणनीति बनाकर आगे बढ़ी। पढ़ाई के शिड्यूल को कड़ाई से पालन किया। मैं चाहती हूं डॉक्टर बनूं। इसके लिए मेरी तैयारी शुरू हो गई है। मैंने बचपन से देखा है, पेंड्रा जैसे पिछड़े क्षेत्र में स्वास्थ्य की समस्याएं हैं। मेरा सपना है कि मैं डॉक्टर बनकर यहीं अपनी सेवाएं दूं। लोगों के कष्ट कम करूं।अपने लोगों के बीच अपनों के लिए कुछ करने का मौका ही अपने आपमें बड़ी सफलता है। आईबीसी-24 की स्वर्ण शारदा ने सपनों को पंख लगा दिए हैं।

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लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।