CG Election: कहीं खुशी कहीं गम! रायपुर दक्षिण में कांग्रेस को राहत, उत्तर में बरकरार मुसीबत, इन सीटों पर भी नहीं माने बागी
CG Election 2023: दोपहर तीन बजे के बाद अब 70 सीटों से करीब 1000 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन इन सबके बीच, कई सीटों पर बागियों ने दावेदारी बरकरार रखी है। उनके इस कदम से भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख पार्टियों के दिग्गजों की नींद उड़ने वाली है।
CG Election 2023: रायपुर। छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के विधानसभा चुनाव के लिए आज का दिन खास रहा। दूसरे चरण के दौरान विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए जिन प्रत्याशियों ने फॉर्म भरा था, उनके लिए नाम वापस लेने का आज आखिरी दिन रहा। दोपहर तीन बजे के बाद अब 70 सीटों से करीब 1000 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन इन सबके बीच, कई सीटों पर बागियों ने दावेदारी बरकरार रखी है। उनके इस कदम से भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख पार्टियों के दिग्गजों की नींद उड़ने वाली है।
विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के रथी और महारथी के नाम तय हो चुके हैं, नाम वापसी के बाद 70 सीटों पर एक हजार से ज्यादा उम्मीदवार कायम हैं, अब संग्राम इन्हीं के बीच है, लेकिन इन सबके बीच वो चंद नाम बेहद खास हैं, जिनकी पहचान फिलहाल बागी के तौर पर की जा रही है। 30 अक्टूबर तक नामांकन दाखिल करने के बाद तीन दिन का समय नाम वापसी के लिए दिया गया था, इस दौरान दोनों ही प्रमुख दल, कांग्रेस और भाजपा ने अपने अपने बागियों और नाराज नेताओं की भरसक कोशिश की।
CG Assembly Election 2023
इसमें कई जगह सफलता मिली, तो कई जगह नाकामी हाथ लगी। रायपुर उत्तर ऐसी ही सीट बन गई है, यहां से कांग्रेस के बागी अजीत कुकरेजा नाम वापसी को तैयार नहीं हुए, और अब निर्दलीय प्रत्याशी के तौर कांग्रेस के प्रत्याशी को टक्कर देने जा रहे हैं, लेकिन रायपुर दक्षिण सीट पर कांग्रेस पार्टी अपने प्रत्याशी के पक्ष में करीब डेढ़ दर्जन निर्दलीय उम्मीदवारों को नाम वापस लेने के लिए तैयार कर लिया। बाकायदा प्रेस कांफ्रेस कर उन प्रत्याशियों को मीडिया के सामने रखा भी गया।
वहीं, बिल्हा से कांग्रेस के बागी सागर सिंह अब जेसीसीजे की ओर से चुनाव लड़ रहे हैं। पामगढ़ सीट पर कांग्रेस से बागी हुए गोरेलाल बर्मन भी जेसीसीजे की ओर से चुनाव मैदान में ताल ठोक रहे हैं। मरवाही से भी कांग्रेस के बागी गुलाब सिंह राज चुनाव मैदान में बरकारर हैं। तीन दिनों तक हर तरह से मान मनौवल करने वाली पार्टी अब अपने बागी नेता के खिलाफ कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
प्रदेश की कई दूसरी विधानसभा सीटों पर भी बागी ऐसे ही बड़ी पार्टियों को टेंशन दे रहे हैं, मस्तुरी में भाजपा की बागी चांदनी भारद्वाज नाम वापसी के लिए तैयार नहीं हुई। अब वो मैदान में हैं। नाम वापसी के अंतिम दिन बीतने के साथ ही अब रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर और सरगुजा संभाग में चुनावी संग्राम भी तेज हो जाएगा, लेकिन बड़ी पार्टियों के अधिकृत प्रत्याशियों के सामने असल चुनौती उनकी ही पार्टी से खड़े बागी प्रत्याशी ही होंगे, जो निश्चित रूप से परिणाम को इधर से उधर करने की कोशिश करेंगे।

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