Makar Sankranti 2023: मकर संक्रांति पर क्यों खाई जाती है दही-चूड़ा और खिचड़ी? जानिए इसके पीछे का महत्व
Importance of eating curd-chuda and khichdi on Makar Sankranti: इस दिन दही-चूड़ा, खिचड़ी, तिल के लड्डू और तिल की गजक खाने का विशेष महत्व है। खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश में दही-चूड़ा बड़े ही चाव से खाया जाता है।
Importance of eating curd-chuda and khichdi on Makar Sankranti
Importance of eating curd-chuda and khichdi on Makar Sankranti: नई दिल्ली। इस साल 14 नहीं बल्कि 15 जनवरी 2023 को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। मकर संक्रांति के दिन गंगा स्नान और दान को बहुत ही ज्यादा शुभ माना गया है। इस त्योहार के साथ कई धार्मिक मान्यताएं व सांस्कृतिक परंपराएं जुड़ी हुई हैं। यूपी-बिहार में मकर संक्रांति को खिचड़ी के नाम से जाना जाता है। इस दिन दही-चूड़ा, खिचड़ी, तिल के लड्डू और तिल की गजक खाने का विशेष महत्व है। खासकर बिहार और उत्तर प्रदेश में दही-चूड़ा बड़े ही चाव से खाया जाता है, लेकिन क्या आपने कभी ये सोचा है कि मकर संक्रांति के दिन दही-चूड़ा और खिचड़ी क्यों खाते हैं?
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मकर संक्रांति पर दही-चूड़ा और खिचड़ी खाने की वजह
मकर संक्रांति के दिन दही चूड़ा के साथ तिलकुट और खिचड़ी मुख्य भोजन माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से इस दिन इन चीजों को खाना बेहद शुभ होता है। इससे सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। इसी समय धान की कटाई होती है और नए चावल निकलते हैं। मान्यता है कि ताजा-ताजा धान की कटाई होने के बाद चावल को पकाकर उसे खिचड़ी के रूप में सबसे पहले सूर्य देवता को भोग लगाया जाता है। इससे सूर्य देवता आशीर्वाद देते हैं।
बिहार में सूर्य देवता को लगता है भोग
इसके अलावा यूपी और बिहार में दही चूड़ा का भी भोग सूर्य देवता को लगाया जाता है। मान्यता है कि इससे रिश्तों में मजबूती आती है। दही-चूड़ा और खिचड़ी दोस्तों को और रिश्तेदारों को दिया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति के दिन दही-चूड़ा और खिचड़ी खाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन दही चूड़ा और खिचड़ी का दान भी शुभ माना जाता है।
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सेहत के लिए फायदेमंद
दही चूड़ा और खिचड़ी को लेकर धार्मिक मान्यता के अलावा वैज्ञानिक महत्व भी होता है। दही चूड़ा को हेल्दी नाश्ता माना जाता है। दही, चूड़ा और खिचड़ी को सुपाच्य भोजन माना जाता है। ये आसानी से पच जाते हैं। साथ ही दही पाचन क्रियाओं को ठीक रखने का काम करता है। वहीं चूड़ा चावल से बनता है। इसमें फाइबर की मात्रा बहुत अधिक होती है, जो पाचन शक्ति को दुरुस्त करता है।

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