रायपुर। CG Ki Baat जैसे-जैसे चुनाव का महीना नजदीक आ रहा है, साफ दिख रहा है कि 2023 का रण किसी के लिए भी आसान नहीं है, दोनों खेमे सोच-समझकर, पूरी ताकत के साथ जमीन पर अपने दिग्गजों को उतार चुके हैं। वर्ग समीकरण,नेताओं के प्रभावक्षेत्र के हिसाब से केंद्रीय नेताओं के दौरे फिक्स किए जा रहे हैं। बंद कमरों में मीटिंग और मैदान पर एक्शन, हर दिन का सियासी तापमान बढ़ा रहे हैं। आज भी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्किकार्जुन खरगे ने छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार-भाटापारा में बड़ी जनसभा की तो भाजपा के चाणक्य अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने रायपुर आते ही पार्टी दफ्तर में मैराथन मीटिंग्स की। उनका कल तक रुकने का कार्यक्रम है, तो दोनों दलों के सेनापति एक ही दिन एक ही वक्त पर प्रदेश में हों तो सवाल उठता है किसकी रणनीति कितनी मजबूत है। कौन जनता को ज्यादा अपने पक्ष में रख पा रहा है।
CG Ki Baat कुछ इस अंदाज में भाटापारा पहुंचे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का मंच पर स्वागत किया गया। खरगे ने कृषक सह श्रमिक सम्मेलन के मंच पर अपने संबोधन में ना सिर्फ भूपेश सरकार की जमकर तारीफ की बल्कि केंद्र सरकार को जमकर घेरा। केंद्र की मोदी सरकार को जुमले वाली सरकार बताते हुए खऱगे ने महिला आरक्षण बिल, ED-IT रेड, बेरोजगारी, झूठे वायदे समते लोकतंत्र खत्म करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए मोदी-शाह को जमकर घेरा।
कृषक सह श्रमिक सम्मेलन के सभा मंच पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा, PCC चीफ समेत तमाम कैबिनेट मंत्री, विधायक और वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। मंच से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों-श्रमिकों-गरीबों-आमजन को दिए जा रहे डायरेक्ट बेनिफिट का जिक्र किया
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दूसरी तरफ केद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा रायपुर पहुंचते ही एयरपोर्ट से सीधे कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचे। माना जा रहा है कि मैराथन मीटिंग में रणनीति तय करने के साथ-साथ शाह और नड्डा कैंडिडेट के नामों पर मुहर लगा सकते हैं। शाह भाजपा के चुनिंदा नेताओं के साथ में डिनर कर वापसी कर सकते हैं। इस दौरान खऱगे, शाह और नड्डा के दौरों पर दोनों पक्षों के बीच सियासी बयानों के जमकर तीर चले।
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वैसे जब-जब शाह छत्तीसगढ़ आए हैं तब-तब बड़े निर्णय कर आगे का इलेक्शन प्लान देकर गए हैं। इस बार भी शाह का दौरा पार्टी की चुनावी तैयारी को धार देने वाला दिखा। ये भी साफ है कि दिग्गजों के दौरों पर दोनों पक्षों की नजर है, वो क्या कह रहे हैं, किस वर्ग को साध रहे हैं, हर बात की खबर रखी जा रही है। सवाल यही है जनता की कसौटी पर कौन टिकेगा, किसकी तैयारी ज्यादा कारगर है। ये सब जनता को ही तय करना है।