Chhattisgarh DGP Ashok Juneja Retirement || डीजीपी अशोक जुनेजा की विदाई

CG DGP Ashok Juneja Retirement: “मैं बोलने से ज्यादा करने पर विश्वास रखता हूँ”.. कामयाब यादों के साथ रिटायर हुए प्रदेश के सबसे सफल DGP अशोक जुनेजा..

अशोक जुनेजा ने कहा कि वे शब्दों से अधिक कर्म में विश्वास रखते हैं। उनका मानना है कि कार्यों के परिणाम ही असली पहचान होते हैं। सेवानिवृत्ति से पहले उन्होंने पुलिस मुख्यालय (PHQ) में अधिकारियों से मुलाकात कर उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।

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Modified Date: February 4, 2025 / 07:16 PM IST
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Published Date: February 4, 2025 6:16 pm IST

Chhattisgarh DGP Ashok Juneja Retirement : रायपुर: छत्तीसगढ़ के सेवानिवृत्त डीजीपी अशोक जुनेजा ने अपनी सेवा के समापन पर कहा कि छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए पुलिस विभाग ने बेहतरीन कार्य किए हैं। अपराध नियंत्रण के लिए किए गए प्रयासों ने सकारात्मक परिणाम दिए हैं, जिससे राज्य में शांति और सुरक्षा को मजबूती मिली है।

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उन्होंने बताया कि, वर्ष 2024 में नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस द्वारा किए गए अभियानों ने उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। निरंतर निगरानी और ठोस रणनीतियों के सफल क्रियान्वयन से सकारात्मक बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने बताया कि इस दौर में कई शीर्ष नक्सली मारे गए, बड़ी संख्या में नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और अनेक नक्सलियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। पुलिस ने अपनी रणनीति में बदलाव कर जवानों से संवाद स्थापित किया, जिससे बेहतर नतीजे मिले।

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब भी सबसे बड़ी चुनौती

Chhattisgarh DGP Ashok Juneja Retirement : अशोक जुनेजा ने कहा कि छत्तीसगढ़ के सामने अब भी नक्सलवाद सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। पहले पुलिस को इतनी सफलता नहीं मिलती थी, लेकिन इस वर्ष पुलिस ने बड़े स्तर पर सफलताएँ हासिल की हैं और कई शीर्ष नक्सलियों का सफाया किया गया है।

राज्य पुलिस को मिला प्रेसिडेंट पदक

छत्तीसगढ़ पुलिस के लिए यह वर्ष ऐतिहासिक रहा क्योंकि राज्य पुलिस को प्रेसिडेंट पुलिस पदक से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार राज्य में बेहतर कानून-व्यवस्था और नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता का प्रतीक है।

Chhattisgarh DGP Ashok Juneja Retirement : अशोक जुनेजा ने कहा कि पुलिस विभाग में अनुशासन और समय का पालन अनिवार्य है। यही सफलता का मूलमंत्र है और इसका कोई विकल्प नहीं हो सकता। अपने भविष्य की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि वे फिलहाल इस पर कुछ नहीं कह सकते, लेकिन राज्य सरकार जो भी जिम्मेदारी सौंपेगी, उसे पूरी निष्ठा के साथ निभाएंगे।

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अशोक जुनेजा ने कहा कि वे शब्दों से अधिक कर्म में विश्वास रखते हैं। उनका मानना है कि कार्यों के परिणाम ही असली पहचान होते हैं। सेवानिवृत्ति से पहले उन्होंने पुलिस मुख्यालय (PHQ) में अधिकारियों से मुलाकात कर उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें भावभीनी विदाई दी और उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मान प्रकट किया।

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डीजीपी अशोक जुनेजा कौन हैं?

अशोक जुनेजा छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक (DGP) रहे हैं और उन्होंने कानून-व्यवस्था एवं नक्सल विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

अशोक जुनेजा की सेवानिवृत्ति कब हुई?

अशोक जुनेजा ने वर्ष 2024 में छत्तीसगढ़ पुलिस से सेवानिवृत्ति ली।

छत्तीसगढ़ पुलिस को प्रेसिडेंट पुलिस पदक क्यों मिला?

यह सम्मान राज्य में बेहतर कानून-व्यवस्था बनाए रखने और नक्सल विरोधी अभियानों की सफलता के लिए दिया गया।

क्या अशोक जुनेजा को कोई नई जिम्मेदारी मिल सकती है?

फिलहाल उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन राज्य सरकार जो भी जिम्मेदारी देगी, वे उसे निभाने को तैयार हैं।

नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस की क्या उपलब्धियाँ रहीं?

पुलिस ने कई शीर्ष नक्सलियों का सफाया किया, बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण कराए और कई नक्सलियों को गिरफ्तार किया।