Raipur Police Commissionerate News: रायपुर में इसी साल से कमिश्नर प्रणाली लागू!.. सरकार ने बनाई 7 अफसरों की कमेटी, ये IPS हैं CP बनने की दौड़ में

पुलिस आयुक्त शहर में उपलब्ध स्टाफ का उपयोग अपराधों को सुलझाने, कानून और व्यवस्था को बनाये रखने, अपराधियों और असामाजिक लोगों की गिरफ्तारी, ट्रैफिक सुरक्षा आदि के लिये करता है। इसका नेतृत्व डीसीपी और उससे ऊपर के रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाता है।

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  • Publish Date - September 10, 2025 / 01:04 PM IST,
    Updated On - September 10, 2025 / 01:10 PM IST

Raipur Police Commissionerate News || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • रायपुर में कमिश्नरेट प्रणाली लागू होगी
  • सात सदस्यीय समिति का गठन
  • एक नवंबर से प्रणाली होगी लागू

Raipur Police Commissionerate News: रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के 15 अगस्त की किये गए वादे पर अमल शुरू हो गया है। सीएम ने इसी साल के स्वतन्त्रता दिवस पर दिए गए अपने सम्बोधन में जल्द ही रायपुर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू किये जाने की बात कही थी। वही अब इस मामले पर सरकार ने समिति का गठन कर दिया है।

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राज्य सरकार ने रायपुर में पुलिस आयुक्त प्रणाली लागू करने 7 सदस्यों वाली कमेटते का गठन किया है। इस कमेटी में सीनियर एडीजी प्रदीप गुप्ता को प्रमुख बनाया गया है। बताया जा रहा है कि, इसी साल राज्योत्सव यानी एक नवम्बर से रायपुर में कमिश्नर प्रणाली लागू कर दिया जाएगा। छत्तीसगढ़ में यह प्रणाली लागू होने वाला रायपुर पहला जिला होगा।

कौन होगा रायपुर का पहला पुलिस कमिश्नर?

रायपुर में पुलिस कमिश्नरेट लागू करने की कवायद के बीच अब पहले कमिश्नर और पुलिस को लेकर भी चर्चा तेज हो गई है। इस दौड़ में फ़िलहाल आधा दर्जन आईपीएस अफसरों के नाम सामने आये है। इनमें सभी आईजी लेवल के अफसर शामिल है। जिन नामों पर चर्चा है उनमें अजय यादव, अमरेश मिश्रा, बद्रीनारायण मीणा और संजीव शुक्ला जैसे आईपीएस के नाम शामिल है।

क्या होता कमिश्नर सिस्टम?

Raipur Police Commissionerate News: यह कमिश्नर व्यवस्था में सर्वोच्च प्रशासनिक पद है। यह व्यवस्था अमूमन महानगरो में होती है। यह व्यवस्था अंग्रेजों के ज़माने की है। पहले यह व्यवस्था कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास में थी जिन्हें पहले प्रेसीडेंसी शहर कहा जाता था। बाद में उन्हें महानगरीय शहरों के रूप में जाना जाने लगा। इन शहरों में पुलिस व्यवस्था तत्कालीन आधुनिक पुलिस प्रणाली के समान थी। इन महानगरों के अलावा पूरे देश में पुलिस प्रणाली पुलिस अधिनियम, 1861 पर आधारित थी और आज भी ज्यादातर शहरों की पुलिस प्रणाली इसी अधिनियम पर आधारित है। पुलिस आयुक्त महानगरीय क्षेत्र के पुलिस विभाग का प्रमुख होता है।

भारतीय पुलिस अधिनियम, 1861 के भाग 4 के तहत जिला अधिकारी (D.M.) के पास पुलिस पर नियत्रण करने के कुछ अधिकार होते हैं। इसके अतिरिक्त, दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट (Executive Magistrate) को कानून और व्यवस्था को विनियमित करने के लिए कुछ शक्तियाँ प्रदान करता है। साधारण शब्दों में कहा जाये तो पुलिस अधिकारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र नही हैं, वे आकस्मिक परिस्थितियों में डीएम या मंडल कमिश्नर या फिर शासन के आदेश तहत ही कार्य करते हैं परन्तु पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू हो जाने से जिला अधिकारी और एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के ये अधिकार पुलिस अधिकारिओं को मिल जाते हैं।

बड़े शहरों में अक्सर अपराधिक गतिविधियों की दर भी उच्च होती है। ज्यादातर आपातकालीन परिस्थतियों में लोग इसलिए उग्र हो जाते हैं क्योंकि पुलिस के पास तत्काल निर्णय लेने के अधिकार नहीं होते। कमिश्नर प्रणाली में पुलिस प्रतिबंधात्मक कार्रवाई के लिए खुद ही मजिस्ट्रेट की भूमिका निभाती है। प्रतिबंधात्मक कार्रवाई का अधिकार पुलिस को मिलेगा तो आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर जल्दी कार्रवाई हो सकेगी। इस सिस्टम से पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी के पास सीआरपीसी के तहत कई अधिकार आ जाते हैं। पुलिस अधिकारी कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र होते है। साथ ही साथ कमिश्नर सिस्टम लागू होने से पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही भी बढ़ जाती है। दिन के अंत में पुलिस कमिश्नर, जिला पुलिस अधीक्षक, पुलिस महानिदेशक को अपने कार्यों की रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव (गृह मंत्रालय) को देनी होती है, इसके बाद यह रिपोर्ट मुख्य सचिव को जाती है।

Raipur Police Commissionerate News: आम तौर पर पुलिस आयुक्त विभाग को राज्य सरकार के आधार पर डीआईजी (DIG) और उससे ऊपर के रैंक के अधिकारियों को दिया जाता है। जिनके अधीन, एक पदानुक्रम में कनिष्ठ अधिकारी होते हैं। कमिश्नर सिस्टम के कुल पदानुक्रम निम्नानुसार दिये गये हैं:

  • पुलिस कमिशनर – सी.पी. (CP)
  • संयुक्त आयुक्त –जे.सी.पी. (Jt.CP)
  • अपर आयुक्त – एडिशनल.सी.पी. (Addl.CP)
  • डिप्टी कमिशनर – डी.सी.पी. (DCP)
  • एडीशनल डिप्टी कमिश्नर – एडिशनल डी.सी.पी. (Addl.DCP)
  • सहायक आयुक्त- ए.सी.पी. (ACP)
  • पुलिस इंस्पेक्टर – पी.आई. (PI)
  • सब-इंस्पेक्टर – एस.आई. (SI)
  • पुलिस दल

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पुलिस आयुक्त शहर में उपलब्ध स्टाफ का उपयोग अपराधों को सुलझाने, कानून और व्यवस्था को बनाये रखने, अपराधियों और असामाजिक लोगों की गिरफ्तारी, ट्रैफिक सुरक्षा आदि के लिये करता है। इसका नेतृत्व डीसीपी और उससे ऊपर के रैंक के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा किया जाता है। साथ ही साथ पुलिस कमिश्नर सिस्टम से त्वरित पुलिस प्रतिक्रिया, पुलिस जांच की उच्च गुणवत्ता, सार्वजनिक शिकायतों के निवारण में उच्च संवेदनशीलता, प्रौद्योगिकी का अधिक से अधिक उपयोग आदि भी बढ़ जाता है।

Q1. रायपुर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली कब से लागू होगी?

राज्य सरकार ने इसे 1 नवंबर 2025 से लागू करने की योजना बनाई है।

Q2. इस प्रणाली से आम लोगों को क्या फायदा होगा?

त्वरित पुलिस कार्रवाई, अपराध नियंत्रण और बेहतर सार्वजनिक जवाबदेही सुनिश्चित होगी।

Q3. रायपुर का पहला पुलिस कमिश्नर कौन होगा?

आईजी स्तर के कई IPS अधिकारी इस पद की दौड़ में हैं, नाम तय होना बाकी है।