वर्ष 2030 तक हासिल किया जा सकता है 100 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य: गिरीश तांती
वर्ष 2030 तक हासिल किया जा सकता है 100 गीगावाट पवन ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य: गिरीश तांती
(अभिषेक सोनकर)
पुडुचेरी, पांच दिसंबर (भाषा) नवीकरणीय ऊर्जा में सक्रिय सुजलॉन समूह के सह-संस्थापक गिरीश तांती ने कहा है कि वर्ष 2030 तक पवन ऊर्जा से 100 गीगावाट बिजली के उत्पादन का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।
सरकार ने 2030 तक देश में गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित 500 गीगावाट बिजली उत्पादन क्षमता का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इसमें से 100 गीगावाट बिजली को पवन ऊर्जा के माध्यम से उत्पादित करना है।
तांती ने कहा कि यह लक्ष्य हासिल किए जाने लायक नजर आता है और वृद्धि की रफ्तार को देखते हुए यह 107 गीगावाट तक भी पहुंच सकता है।
उन्होंने कहा कि भारत में पहले से ही 53 गीगावाट से अधिक की स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता है जबकि देश के विभिन्न हिस्सों में 40 गीगावाट से अधिक की परियोजनाएं विकास के चरण में हैं।
तांती ने कहा, ‘‘इस तरह 2030 तक 100 गीगावाट क्षमता के लक्ष्य के लगभग 95 प्रतिशत को लेकर एक स्पष्टता है।’’
इस 100 गीगावाट क्षमता में सुजलॉन की हिस्सेदारी पर उन्होंने कहा कि कंपनी का लक्ष्य अपनी अग्रणी स्थिति बनाए रखना है।
देश की मौजूदा पवन ऊर्जा क्षमता में पुणे स्थित सुजलॉन समूह की हिस्सेदारी 15.4 गीगावाट से भी अधिक है।
उन्होंने कहा कि 100 गीगावाट के लक्ष्य पर पहुंचने के बाद उद्योग का अगला लक्ष्य 2047 तक 400 गीगावाट क्षमता हासिल करना होगा, जैसा कि सरकार ने तय किया है।
इस क्षेत्र के बारे में अपने विचार साझा करते हुए तांती ने कहा कि इस उद्योग में अपार संभावनाएं हैं क्योंकि पवन ऊर्जा नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के सबसे विश्वसनीय स्रोतों में से एक है।
भाषा निहारिका प्रेम
प्रेम

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