अनाज भंडारण के लिए 11 साल में 20 लाख टन स्टील साइलो क्षमता विकसित
अनाज भंडारण के लिए 11 साल में 20 लाख टन स्टील साइलो क्षमता विकसित
वडोदरा, 16 जून (भाषा) खाद्यान्न भंडारण सुविधाओं को आधुनिक बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले 11 वर्षों में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत देश भर में कुल 19.5 लाख टन क्षमता वाले स्टील साइलो यानी कोष्ठागार बनाए हैं।
केंद्रीय खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यहां बताया कि 40 लाख टन क्षमता वाले स्टील साइलो का निर्माण कार्य चल रहा है, जबकि 25 लाख टन क्षमता के लिए निविदा की प्रक्रिया जारी है।
इस पीपीपी मॉडल के तहत लीप एग्री लॉजिस्टिक्स (बड़ौदा) प्राइवेट लिमिटेड ने भी केंद्र सरकार की ओर से 50,000 टन गेहूं के भंडारण के लिए बड़ौदा जिले के कयावरोहन गांव में स्टील साइलो परियोजना स्थापित की है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) केंद्र सरकार के प्रयासों के तहत पीपीपी मॉडल में स्टील साइलो का निर्माण कर रहा है, ताकि खाद्यान्न को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सके। सरकारी स्वामित्व वाली एफसीआई खाद्यान्नों की खरीद और वितरण के लिए नोडल एजेंसी है।
ये साइलो परियोजनाएं डिजाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व और संचालन (डीबीएफओओ) या डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और हस्तांतरण (डीबीएफओटी) के आधार पर बनाई जा रही हैं।
इन्हें निजी स्वामित्व वाली भूमि और एफसीआई भूखंड, दोनों पर स्थापित किया जा रहा है। एफसीआई इन स्टील साइलो को समझौते के तहत 30 साल के लिए किराए पर लेती है।
अधिकारी ने कहा, ”पिछले 11 वर्षों से 38 स्थानों पर पीपीपी मोड के तहत 19,50,000 टन क्षमता वाले साइलो का निर्माण किया गया है।”
इसके अलावा 90 स्थानों पर 39,62,500 टन क्षमता वाले साइलो का निर्माण किया जा रहा है।
भाषा पाण्डेय रमण
रमण

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