भारत में 85 प्रतिशत डिजिटल भुगतान यूपीआई के जरिये: आरबीआई गवर्नर

भारत में 85 प्रतिशत डिजिटल भुगतान यूपीआई के जरिये: आरबीआई गवर्नर

भारत में 85 प्रतिशत डिजिटल भुगतान यूपीआई के जरिये: आरबीआई गवर्नर
Modified Date: October 16, 2025 / 07:59 pm IST
Published Date: October 16, 2025 7:59 pm IST

नयी दिल्ली, 16 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने कहा है कि भारत में लगभग 85 प्रतिशत डिजिटल भुगतान यूपीआई के माध्यम से होते हैं और देश समावेशी और सुरक्षित डिजिटल सार्वजनिक मंच के मामले में अध्ययन का विषय बन सकता है।

उन्होंने मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की वार्षिक बैठकों के दौरान आरबीआई द्वारा आयोजित ‘डिजिटल सार्वजनिक मंच’ (डीपीपी) के माध्यम से आर्थिक मजबूती बनाने पर उच्च-स्तरीय बातचीत’ में यह कहा।

डीपीपी समावेशी वृद्धि और नवाचार का एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है।

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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि डिजिटल पहचान (आधार) और तुंरत भुगतान (यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस… यूपीआई) ने सफलतापूर्वक यह प्रदर्शित किया है कि बड़े पैमाने पर मजबूत, लागत-प्रभावी सार्वजनिक सेवा वितरण प्रणाली कैसे बनाई जाए।

मल्होत्रा ने अपने संबोधन में भारत के डीपीपी परिवेश और डिजिटलीकरण एवं वित्तीय समावेश, विशेष रूप से सरकारी भुगतान में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की सच्ची भावना के अनुरूप, भारत डिजिटल बदलाव में तेजी लाने के लिए ऐसे मंच के इर्द-गिर्द अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

आरबीआई गवर्नर ने कहा, ‘‘हमारे लिए, मार्गदर्शक सिद्धांत सार्वजनिक क्षेत्र में ऐसे मंच का निर्माण करना रहा है जो जनहित के रूप में उपयुक्त सुरक्षा उपायों के साथ और बिना किसी लाभ के उद्देश्य से हों…। भारत समावेशी और सुरक्षित डीपीपी के मामले में एक उदाहरण है।’’

सार्वजनिक और निजी क्षेत्र की इकाइयां इन मंच का लाभ उठाकर कर्ज, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा, कृषि और कई अन्य क्षेत्रों में इसका उपयोग तेजी से विकसित कर सकती हैं।

मल्होत्रा ने भुगतान प्रणालियों के बारे में कहा कि यूपीआई एक महत्वपूर्ण डिजिटल सार्वजनिक मंच है।

यूपीआई ने भुगतान परिदृश्य को बदल दिया है। यह बैंकों के एक खाते से दूसरे खाते में वास्तविक समय में, कुशलतापूर्वक अंतरण को सक्षम बनाता है।

गवर्नर ने कहा, ‘‘आज भारत में लगभग 85 प्रतिशत डिजिटल भुगतान लेनदेन यूपीआई के माध्यम से होते हैं। हर महीने लगभग 20 अरब लेनदेन यूपीआई के जरिये हो रहे हैं, जिनका मूल्य 280 अरब डॉलर से अधिक है।’’

उन्होंने कहा कि सही मायने में यूपीआई वित्तीय समावेश को गति दे रहा है।

मल्होत्रा ने कहा कि छोटे विक्रेता और सूक्ष्म उद्यम अब डिजिटल रूप से भुगतान स्वीकार कर सकते हैं। इससे उनका वित्तीय ब्योरा उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें बहुत कम लागत पर वित्तीय संस्थानों से कर्ज प्राप्त करने में मदद मिलेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि डीपीपी के लाभ ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ की भावना के साथ पूरी दुनिया को मिलने चाहिए। यही भारत की जी20 अध्यक्षता का भी विषय था। हम ऐसे मंच के इर्द-गिर्द अंतरराष्ट्रीय सहयोग के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं।’’

भाषा रमण अजय

अजय


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