अदाणी ग्रीन ने टीएनएफडी ढांचे को अपनाया
अदाणी ग्रीन ने टीएनएफडी ढांचे को अपनाया
नयी दिल्ली, आठ दिसंबर (भाषा) अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) ने प्रकृति संबंधी वित्तीय प्रकटीकरण (टीएनएफडी) पर कार्यबल के मार्गदर्शन को अपनी मुख्य स्थिरता रणनीति में शामिल कर लिया है। इससे प्रकृति-सकारात्मक नवीकरणीय ऊर्जा विकास की दिशा में उसके बदलाव को बल मिलेगा। कंपनी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
टीएनएफडी ढांचा एक वैश्विक, विज्ञान-आधारित पहल है। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम वित्त पहल, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम, विश्व वन्यजीव कोष और ग्लोबल कैनोपी द्वारा की गई। यह संगठनों को प्रकृति-संबंधी जोखिमों एवं अवसरों की पहचान, आकलन, प्रबंधन तथा प्रकटीकरण के लिए एक संरचित ढांचा प्रदान करता है।
बयान में कहा गया कि टीएनएफडी ढांचे के साथ तालमेल बैठाकर, एजीईएल वैश्विक नवीकरणीय कंपनियों के बीच अपने नेतृत्व को मजबूत करता है जो रणनीतिक निर्णय लेने में जैव विविधता संबंधी विचारों को एकीकृत करता है। साथ ही वैश्विक संरक्षण प्राथमिकताओं और भारत के जलवायु नेतृत्व दोनों का समर्थन करता है।
एजीईएल के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) आशीष खन्ना ने बयान में कहा, ‘‘ प्रकृति हमारी वृद्धि गाथा का केंद्र है। प्रकृति-संबंधी वित्तीय प्रकटीकरण पर कार्यबल के सिद्धांतों को अपने कार्यों में शामिल करके, हम नवीकरणीय ऊर्जा अवसंरचना के साथ-साथ मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के अवसरों की पहचान कर रहे हैं।’’
एजीईएल ने ‘इंडिया बिजनेस बायोडायवर्सिटी इनीशिएटिव’ (आईबीबीआई एवं आईबीबीआई 2.0) पर भी हस्ताक्षर किए हैं। अपने दीर्घकालिक जैव विविधता लक्ष्य की पुष्टि करते हुए एजीईएल ने 2030 तक जैव विविधता में ‘नो नेट लॉस’ लक्ष्य को प्राप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है जिसके लिए उसने परियोजना स्थलों पर 2.786 करोड़ पेड़ लगाने की अपनी योजना बनाई है।
‘नो नेट लॉस’ (एनएनएल) एक पर्यावरणीय लक्ष्य है जिसका उपयोग अक्सर विकास परियोजनाओं में किया जाता है।
एजीईएल के पास वर्तमान में 16.5 गीगावाट से अधिक का परिचालन नवीकरणीय ऊर्जा खंड है, जो भारत में सबसे बड़ा है और 12 राज्यों में फैला हुआ है। कंपनी ने भारत के कार्बन मुक्त लक्ष्यों के अनुरूप 2030 तक 50 गीगावाट क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
भाषा निहारिका मनीषा
मनीषा

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