नयी दिल्ली 29 जून (भाषा) ब्रिक्स कृषि व्यापार परिषद के अध्यक्ष विक्रमजीत साहनी ने मंगलवार को कहा कि उर्वरक सब्सिडी के रूप में 14,775 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि देने के सरकार के फैसले से किसानों को मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस निर्णय से कच्चे माल की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में वृद्धि के बावजूद किसानों को दिए जाने वाले उर्वरक के मूल्य को नहीं बढ़ाया गया।
सरकार ने नवंबर तक गरीबों को मुफ्त अनाज देने के लिए 93,869 करोड़ रुपये खर्च करने की घोषणा की थी। साथ ही 14,775 करोड़ रुपये उर्वरक सब्सिडी के तौर पर भी जारी किये है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड-19 की दूसरी लहर से प्रभावित विभिन्न क्षेत्रों को सहारा देने के लिये कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है।
वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों की आय में सुधार लाने और कुपोषण से लड़ने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने प्रोटीन, आयरन, जिंक और विटामिन ए जैसे पोषक तत्वों वाली जैव-संवर्धित फसल की किस्में विकसित की हैं।
साहनी ने कहा कि जैव फसलों के विकास के क्षेत्र में यह एक सकारात्मक कदम है।
प्रोत्साहन पैकेज पर टिप्पणी करते हुए चमड़ा निर्यात परिषद (सीएलई) के अध्यक्ष संजय लीखा ने कहा कि पैकेज से निर्यात की वृद्धि में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा, ‘‘निर्यात बीमा कवर को 88,000 करोड़ रुपये तक बढ़ाने के लिए ईसीजीसी में पांच वर्षों में इक्विटी डालने के प्रस्ताव की घोषणा एक स्वागत योग्य कदम है। यह वर्तमान महामारी की स्थिति में अति आवश्यक जोखिम भरपाई प्रदान करेगा।’’
भाषा जतिन अजय
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