डब्ल्यूटीओ में गठबंधन से भारत को मुक्त भुगतान प्रणाली अपनाने में मिलेगी मदद: जीटीआरआई

डब्ल्यूटीओ में गठबंधन से भारत को मुक्त भुगतान प्रणाली अपनाने में मिलेगी मदद: जीटीआरआई

डब्ल्यूटीओ में गठबंधन से भारत को मुक्त भुगतान प्रणाली अपनाने में मिलेगी मदद: जीटीआरआई
Modified Date: February 26, 2024 / 11:33 am IST
Published Date: February 26, 2024 11:33 am IST

नयी दिल्ली, 26 फरवरी (भाषा) भारत को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के अन्य सदस्यों के साथ गठबंधन बनाने से धन हस्तांतरण या प्रेषण की लागत में कटौती करने के लिए यूपीआई जैसी खुली और अंतर-संचालित भुगतान प्रणालियों को अपनाने में मदद मिलेगी।

आर्थिक शोध संस्थान जीटीआरआई की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, बाजार में कुछ बड़े खिलाड़ियों का प्रभुत्व जटिल और अपारदर्शी शुल्क संरचनाओं के माध्यम से इन उच्च लागतों को बढ़ावा देता है।

इसमें कहा गया है कि इससे निपटने के लिए भारत की सिफारिशों में डिजिटल हस्तांतरण को प्रोत्साहित करना, अंतरपरिचालन तंत्र को बढ़ावा देना, प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, नियमों को सुव्यवस्थित करना और मूल्य निर्धारण पारदर्शिता को बढ़ाना शामिल हैं।

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संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के अबू धाबी में चल रहे चार दिन के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी13) में भारत और यूएई डब्ल्यूटीओ के सदस्यों के बीच मुक्त और अंतर-संचालनीय भुगतान प्रणालियों को अपनाने पर जोर देंगे।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि यह प्रस्ताव भारत के इस विश्वास से प्रेरित है कि ऐसी प्रणालियां वैश्विक डिजिटल भुगतान को सुव्यवस्थित कर सकती हैं, और प्रेषण बाजार में नवाचार और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर लागत में कटौती कर सकती हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, इससे न केवल व्यक्तिगत परिवारों को लाभ होगा बल्कि व्यापक आर्थिक विकास और गरीबी उन्मूलन प्रयासों में भी योगदान मिलेगा।

इसमें कहा गया है कि उच्च प्रेषण लागत की चुनौती, वैश्विक स्तर पर औसतन 6.18 प्रतिशत ‘संयुक्त राष्ट्र के तीन प्रतिशत के लक्ष्य से काफी ऊपर’ एक प्रमुख मुद्दा है जिसे भारत उठाना चाहता है।

भाषा अनुराग

अनुराग


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