मुंबई, 16 नवंबर (भाषा) विज्ञापन उद्योग की स्व-नियामक संस्था एएससीआई ने कंपनियों द्वारा खुद को भ्रामक रूप से पर्यावरण अनुकूल दिखाने यानी ग्रीनवॉशिंग से बचने के लिए बृहस्पतिवार को विभिन्न दिशानिर्देशों का प्रस्ताव रखा।
भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (एएससीआई) इस संबंध में नौ-सूत्रीय मसौदा लेकर आई है। एएससीआई ने एक बयान में कहा कि इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य ग्रीनवॉशिंग की जांच करना है।
ग्रीनवॉशिंग विज्ञापन या मार्केटिंग का एक ऐसा रूप है जिसमें लोगों को भ्रामक रूप से यह समझाने की कोशिश की जाती है कि किसी संगठन के उत्पाद, उद्देश्य और नीतियां पर्यावरण के अनुकूल हैं।
एएससीआई की मुख्य कार्यकारी एवं महासचिव मनीषा कपूर ने बयान में कहा कि ग्रीनवॉशिंग पर रोक लगाने संबंधी दिशानिर्देशों का उद्देश्य उपभोक्ता हित में विज्ञापन में पारदर्शिता और प्रामाणिकता की संस्कृति को बढ़ावा देना और उन्हें जानकारी-परक निर्णय लेने में मदद करना है।
इसमें कहा गया है कि पर्यावरण संबंधी दावे विज्ञापनों, विपणन सामग्री, ब्रांडिंग (व्यवसाय और व्यापारिक नामों सहित), पैकेजिंग पर या उपभोक्ताओं को प्रदान की गई अन्य जानकारी में दिखाई दे सकते हैं।
प्रस्तावित दिशानिर्देशों के मुताबिक, अगर किसी उत्पाद को लेकर यह दावा किया जा रहा हो कि उसका कोई पर्यावरणीय प्रभाव नहीं है या सिर्फ सकारात्मक प्रभाव है तो उस दावे के समर्थन में उच्च-स्तरीय पुष्टि की जरूरत होगी।
कपूर ने कहा कि इस मसौदे पर 31 दिसंबर तक सार्वजनिक टिप्पणियां आमंत्रित की गई हैं।
भाषा प्रेम प्रेम अजय
अजय
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