Bank Fraud

Bank Fraud: एक वेब फ्रॉड साइड में विजिट, और आपका पूरा बैंक अकाउंट साफ, इस तरह बनाते हैं हैकर्स आपको शिकार ….जानें

Bank Fraud Cyber Spoofing viral fraud by mobile phone in India scam by using OPT and url

Edited By :   Modified Date:  December 25, 2022 / 11:42 AM IST, Published Date : December 25, 2022/11:28 am IST

Bank Fraud: आज के डिजिटल युग में लगभग हर किसी के पास स्मार्ट फोन होता है। जिसकी मदद से वे कई काम को अपने मोबाइल पर ही पूरा कर लेते हैं। लेकिन इस प्रद्योगिकी के जमाने में स्मार्ट फोन की वजह से कई अपराधों को भी अंजाम दिया जाता है। डिजिटल अपराध की बात करें तो सबसे पहले साइबर क्राइम का ख्याल दिमाग में आता हैं यदि और गहराई में जाया जाए तो बैंक फ्रॉड साइबर क्राइम की सबसे बड़ी समस्या है। हम आज आपको बताने वाले हैं कि किसी भी फ्रॉड/फर्जी वेवसाइट में आपके विजिट करने से आपके बैंक अकाउंट से पैसे चोरी हो सकते हैं। इस प्रकार के फ्रॉड को स्पूफिंग कहते हैं।

स्पूफिंग क्या होती है?

Bank Fraud दरशल वेबसाइट स्पूफिंग में अपराधी फ्रॉड करने के लिए फर्जी वेबसाइट बनाते हैं। फर्जी वेबसाइट को असली दिखाने के लिए, अपराधी असल वेबसाइट के नाम, लोगो, ग्राफिक्स का भी इस्तेमाल करते हैं। साथ ही साथ वे यूआरएल की भी नकल करने की पूरी कोशिस करते हैं। इसके साथ नीचे सबसे दायीं तरफ दिए गए पैडलॉक आइकन को भी वे कॉपी कर लेते हैं। इसमें साइबर अपराधी व्यक्ति को ई-मेल भेजते हैं, जिसमें इन फर्जी वेबसाइट्स का लिंक दिया होता है।

इसमें यूजर से अपने बैंक अकाउंट से संबंधित जानकारी को अपडेट या कन्फर्म करने के लिए कहा जाता है। ऐसा अकाउंट से संबंधित संवेदनशील जानकारी को चुराने के लिए किया जाता है। इनमें आपकी इंटरनेट बैंकिंग यूजर आईडी, पासवर्ड, पिन, क्रेडिट/ डेबिट कार्ड/ बैंक अकाउंट नंबर, कार्ड वेरिफिकेशन वैल्यू (CVV) नंबर आदि शामिल होते हैं।

इन बातों के रखना होगा ख्याल

  1. सबसे पहली बात कि बैंक कभी भी आपकी निजी जानकारी को हासिल करने के लिए ईमेल नहीं भेजते हैं। अगर आपको अपनी इंटरनेट बैंकिंग सिक्योरिटी डिटेल्स जैसे पिन, पासवर्ड या अकाउंट नंबर को ईमेल में मांगा गया है, तो उसका जवाब कभी भी न दें।
  2. इसके अलावा यूजर को पैडलॉक आइकन का भी ध्यान रखना चाहिए। ब्राउजर की विन्डो में कहीं भी पैडलॉक आइकन होता है. उदाहरण के लिए, माइक्रोसॉफ्ट इंटरनेट एक्सपलोरर में ब्राउजर विन्डो के नीचे में दायीं तरफ में लॉक आइकन दिख जाता है। अपने वेब ब्राउजर में क्लिक या डबल क्लिक करें, जिससे आपको वेबसाइट की सिक्योरिटी की डिटेल्स दिख जाएंगी।
  3. एक अन्य बात जिसका ध्यान रखना जरूरी है, वह है वेबपेज का URL. वेब पर ब्राउज करते समय, URLs (वेब पेज एड्रेस) http के साथ शुरू होता है। हालांकि, सिक्योर कनेक्शन में, एड्रेस https के साथ शुरू होना चाहिए।आखिर में दिए गए, s को जरूर चेक करें।
  4. किसी भी प्रकार के लिंक को क्लिक करने से पहले ये जरूर जान लें कि