Data Protection Bill won't violate privacy of citizens: Chandrashekhar

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री का बड़ा बयान कहा- नागरिकों की निजता का हनन नहीं करेगा डेटा संरक्षण विधेयक…

Big statement of Electronics and Information Technology Minister said- Data Protection Bill will not violate the privacy of citizens...

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:15 PM IST, Published Date : November 27, 2022/11:31 am IST

नई  दिल्ली ।  सरकार प्रस्तावित डेटा संरक्षण कानून के तहत नागरिकों की निजता का उल्लंघन नहीं कर सकेगी और उसे सिर्फ असाधारण या अपवाद वाली परिस्थितियों में ही व्यक्तिगत डेटा या ब्यौरे तक पहुंच मिलेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने यह बात कही है। चंद्रशेखर ने कहा कि सरकार सिर्फ राष्ट्रीय सुरक्षा, महामारी और प्राकृतिक आपदा जैसे परिस्थितियों में ही नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच सकती है। एक ऑनलाइन चर्चा के दौरान मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय डेटा संचालन रूपरेखा नीति में डेटा से गोपनीय तरीके से निपटने का प्रावधान है। यह डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण (डीपीडीपी) विधेयक-2022 के मसौदे का हिस्सा नहीं है।

यह भी पढ़े :  सहारा इंडिया के निवेश्कों को मिले लगभग 1 करोड़ रुपए, हजारों लोगों के चेहरे पर लौटी खुशी

चंद्रशेखर ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रस्तावित डेटा संरक्षण बोर्ड स्वतंत्र होगा और इसमें कोई सरकारी अधिकारी शामिल नहीं होगा। यह बोर्ड डेटा संरक्षण से संबंधित मामलों को देखेगा।शनिवार शाम को ट्विटर लाइव पर निजता से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए मंत्री ने डीपीडीपी बिल-2022 के मसौदे पर सरकार के रुख को स्पष्ट करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘हम कहते हैं कि सरकार इस कानून के जरिये नागरिकों की गोपनीयता का अनिवार्य रूप से उल्लंघन करना चाहती है। क्या यह संभव है? यह सवाल है। जवाब नहीं है। बिल और कानून बहुत स्पष्ट शब्दों में बताते हैं कि वे कौन सी असाधारण परिस्थितियां हैं जिनके तहत सरकार के पास भारतीय नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा तक पहुंच हो सकती है …. राष्ट्रीय सुरक्षा, महामारी, स्वास्थ्य देखभाल, प्राकृतिक आपदा।’’

यह भी पढ़े :  राजधानी में खुलेआम हो रहा था धर्मांतरण, हिंदू संगठनों रंगे हाथ पकड़ा, हुआ जमकर हंगामा 

चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘ये अपवाद हैं। जैसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पूर्ण नहीं है और उचित प्रतिबंध के अधीन है, वैसे ही डेटा सुरक्षा का अधिकार भी है।’’ डीपीडीपी विधेयक के मसौदे में सरकार द्वारा डेटा न्यासी के रूप में अधिसूचित कुछ संस्थाओं को डेटा संग्रह के उद्देश्य से विवरण साझा करने सहित विभिन्न अनुपालन से छूट दी गई है। जिन प्रावधानों से सरकार द्वारा अधिसूचित इकाइयों को छूट दी जाएगी, वे किसी व्यक्ति को डेटा संग्रह, बच्चों के डेटा के संग्रह, सार्वजनिक आदेश के जोखिम मूल्यांकन, डेटा ऑडिटर की नियुक्ति आदि के उद्देश्य के बारे में सूचित करने से संबंधित हैं। डीपीडीपी विधेयक का मसौदा भी व्यक्तियों को डेटा प्रबंधन इकाइयों के साथ बिना सत्यापन और गलत जानकारी साझा करने से रोकता है। मंत्री ने आगे कहा कि राष्ट्रीय डेटा संचालन में गोपनीय गुमनाम डेटा से निपटने के प्रावधान हैं जबकि डीपीडीपी बिल का दायरा केवल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा तक सीमित है।