Bhopal dharmantaran

राजधानी में खुलेआम हो रहा था धर्मांतरण, हिंदू संगठनों रंगे हाथ पकड़ा, हुआ जमकर हंगामा

Bhopal dharmantaran राजधानी भोपाल के शिवनगर में जमकर हंगामा, धर्मांतरण को लेकर हंगामा, बजरंगदल और हिन्दू संगठनों का आरोप

Edited By :   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : November 27, 2022/11:34 am IST

Bhopal dharmantaran: भोपाल। राजधानी भोपाल में एक बार फिर धर्मांतरण मुद्दा रविवार को गरमाया। इस बार धर्मांतरण का आरोप भी ईसाई मिशनरी पर लगा है। मामला भोपाल के स्लम एरिया में शामिल शिवनगर का है। दरअसल यहां एक बेहद गरीब तबके के घर में एक पारदी समेत मिशनरी के कुछ लोग बंद कमरे में मौजूद थे। साथ ही गरीब तबके के कई हिंदू परिवारों को बुलाया गया था। बजरंग दल समेत अन्य हिंदू संगठनों को इसकी भनक पहले ही लग चुकी थी। लिहाजा रंगे हाथों पकड़ने इस घर में ईसाई मिशनरी के लोगों के साथ बजरंग दल के दो कार्यकर्ता भी सबूत जुटाने पहचान छिपाकर पहुंचे।

हिंदू संगठनों ने जमकर किया हंगामा

Bhopal dharmantaran: करीब एक घंटे तक मिशनरी से जुड़े ईसाई धर्म के लोगों की तमाम बातें सुनी और हिंदू संगठनों समेत पुलिस को जानकारी दी। फिर मौके पर सैकड़ों की संख्या में पहुंचे हिंदू संगठनों ने जमकर हंगामा किया। हिंदू संगठनों ने तत्काल गिरफ्तारी की मांग को लेकर घर को घेरा। दूसरी ओर मिशनरी से जुड़े लोगों ने पुलिस को न सिर्फ घर के अंदर जाने से रोका बल्कि चप्पल दिखाकर मारपीट करने की कोशिश भी की। इतना ही नहीं बल्कि मीडिया के कैमरों को बंद कराने की नाकाम कोशिश भी की गईं। बजरंग दल का आरोप है कि शिवनगर में ही करीब 400 लोगों का ईसाई धर्म में परिवर्तन गुपचुप तरीके से कराया जा चुका है। स्लम एरिया और गरीबों को टारगेट किया जा रहा है।

स्लम एरिया को गरीब लोगों को बनाया निशाना

Bhopal dharmantaran: इसकी जानकारी उन्हें पहले ही मिली थी। जानकारी मिलने के बाद रंगे हाथों पकड़ने के लिए प्लान तैयार किया गया। उन्होंने बताया कि स्मल एरिया के गरीब हिंदूओं को ईसाई मिशनरी टारगेट कर रही हैं। घर के अंदर मौजूद बजरंग दल के कार्यकर्ता ने आईबीसी 24 को बताया कि पहले तो हिंदू धर्म के देवी-देवाताओं को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर ईसाई धर्म की जानकारी दी गई। फिर ढाई लाख रुपये,नौकरी,चिकित्सा सुविधा समेत बच्चों को शिक्षा समेत और तमाम सुविधाओं प्रलोभन दिया गया। क्रास के साथ ईसाई साहित्य भी दिया। हिंदू संगठनों ने तत्काल पारदी और मौके पर मौजूद ईसाई मिशनरी के लोगों के गिरफ्तारी की मांग की। उधर, पारदी और ईसाई मिशनरी के लोगों ने मीडिया से बातचीत से इंकार किया। पुलिस से बातचीत के दौरान पारदी कैमरे में यह कहते कैद हुआ कि सिर्फ यहां ईसाई धर्म की प्रार्थना की जा रही थी।

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