नयी दिल्ली, 14 जुलाई (भाषा) सरकार ने बुधवार को पशुपालन और डेयरी विभाग की योजनाओं के विभिन्न घटकों को संशोधित और दुरुस्त करने तथा 54,618 करोड़ रुपये का निवेश जुटाने के लिये विशेष पशुधन पैकेज को मंजूरी दी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में विशेष पशुधन क्षेत्र पैकेज के क्रियान्वयन को मंजूरी दी गयी।
आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘इस पैकेज के तहत केंद्र सरकार अगले पांच वर्षों के दौरान 54,618 करोड़ रुपये का कुल निवेश जुटाने के लिये 9,800 करोड़ रुपये की सहायता देगी…. इसमें राज्य सरकारों, राज्य सहकारिताओं, वित्तीय संस्थानों, बाहरी वित्तीय एजेंसियों और अन्य संबंधित पक्षों के निवेश शामिल हैं।’’
इसके तहत पशुधन क्षेत्र में विकास को प्रोत्साहन देने के लिये केंद्र सरकार की योजनाओं के कई घटकों को संशोधित किया गया और उन्हें दुरुस्त बनाया गया है। इसका मकसद पशुपालन क्षेत्र से जुड़े 10 करोड़ किसानों के लिये क्षेत्र को लाभकारी बनाना है।
संशोधन के तहत विभाग की सभी योजनाओं को तीन वृहद विकास योजनाओं की श्रेणी में शामिल किया जाएगा।
पहली श्रेणी, विकास कार्यक्रमों की होगी। इसमें राष्ट्रीय गोकुल मिशन, राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी), राष्ट्रीय पशुधन मिशन (एनएलएम) और पशुधन की गणना तथा एकीकृत नमूना सर्वेक्षण (एलसी-एंड-आईएसएस) शामिल हैं।
दूसरी श्रेणी रोग नियंत्रण कार्यक्रम की है जिसका नाम बदलकर पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण (एलएचडीसी) कार्यक्रम कर दिया गया है। इसमें मौजूदा पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण के साथ राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम शामिल किये गये हैं।
तीसरी श्रेणी बुनियादी ढांचा विकास कोष की है। इसमें पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) और डेयरी अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) को मिला दिया गया है। डेयरी गतिविधियों में शामिल डेयरी सहकारिता और किसान उत्पादक संगठनों को भी इस तीसरी श्रेणी में शामिल कर लिया गया है, ताकि डेयरी सहकारिता को सहायता मिल सके।
योजना की समीक्षा के प्रभाव के बारे में सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय गोकुल मिशन से स्वदेशी प्रजातियों के विकास और संरक्षण को मदद मिलेगी। इससे गांव के गरीब लोगों की आर्थिक हालत में भी सुधार होगा।
राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम एनपीडीडी) का लक्ष्य दूध रखने के लिये थोक में लगभग 8,900 कूलर लगाने का है। इस कदम से आठ लाख से अधिक दुग्ध उत्पादकों को फायदा होगा और 20 लाख लीटर प्रतिदिन दूध अतिरिक्त खरीद संभव होगी।
एनपीडीडी के अंतर्गत जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जीआईसीए) से वित्तीय सहायता प्राप्त होगी, जिससे 4,500 गांवों में नये बुनियादी ढांचा का निर्माण होगा और गांव शक्ति-सम्पन्न होंगे।
भाषा राजेश
राजेश रमण अजय
अजय
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