खरीफ सत्र के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंत्रिमंडल की मंजूरी |

खरीफ सत्र के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंत्रिमंडल की मंजूरी

खरीफ सत्र के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी को मंत्रिमंडल की मंजूरी

:   Modified Date:  February 29, 2024 / 04:18 PM IST, Published Date : February 29, 2024/4:18 pm IST

नयी दिल्ली, 29 फरवरी (भाषा) सरकार ने आगामी खरीफ सत्र के लिए फॉस्फेटिक एवं पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने की बुधवार को घोषणा की। इसके साथ ही सरकार ने कहा है कि किसानों को प्रमुख पोषक तत्व डीएपी 1,350 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर मिलती रहेगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में पीएंडके उर्वरकों पर एक अप्रैल से 30 सितंबर तक के खरीफ सत्र के लिए ‘पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी’ (एनबीएस) दरें तय करने के लिए उर्वरक विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंत्रिमंडल में लिए गए इस फैसले की संवाददाताओं को जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘‘एक अप्रैल से 30 सितंबर तक के खरीफ सत्र 2024-25 के लिए पीएंडके उर्वरकों पर 24,420 करोड़ रुपये की पोषक तत्व-आधारित सब्सिडी को मंजूरी दी गई है।’’

उन्होंने कहा कि आगामी खरीफ सत्र के लिए नाइट्रोजन (एन) पर सब्सिडी 47.02 रुपये प्रति किलोग्राम, फॉस्फेटिक (पी) पर 28.72 रुपये प्रति ग्राम, पोटाश (के) पर 2.38 रुपये प्रति किलोग्राम और सल्फर (एस) पर 1.89 रुपये प्रति किलोग्राम तय की गई है।

फॉस्फेटिक उर्वरकों पर सब्सिडी रबी सत्र 2023 के 20.82 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़ाकर खरीफ सत्र 2024 के लिए 28.72 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी गई है। हालांकि, ख़रीफ सत्र 2024 के लिए नाइट्रोजन (एन), पोटाश (के) और सल्फर (एस) पर सब्सिडी में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

ठाकुर ने कहा, ‘‘इस सब्सिडी के साथ 1,350 रुपये प्रति बोरी (50 किलोग्राम) पर बेची जा रही डीएपी (डाई-अमोनियम फॉस्फेट) आगामी खरीफ सत्र में भी उसी भाव पर उपलब्ध होगी।’’

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि म्यूरेट ऑफ पोटाश (एमओपी) भी 1,670 रुपये प्रति बोरी और एनपीके 1,470 रुपये प्रति बोरी मिलेगी।

डीएपी पर आयात निर्भरता को कम करने के लिए मंत्रिमंडल ने एनबीएस योजना के तहत तीन नए उर्वरक ग्रेड को शामिल करने को भी मंजूरी दी। उर्वरक कंपनियों को अनुमोदित और अधिसूचित दरों के अनुरूप सब्सिडी दी जाएगी ताकि किसानों को सस्ती कीमतों पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा सके।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय

 

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