EPFO Marriage Claim Limit: शादी का खर्च PF से? जानिए आखिर कितने रुपये निकाल सकते हैं? नियम पढ़कर आप भी कहेंगे ‘वाह!’

ईपीएफओ ने शादी के लिए पीएफ निकासी के नियम सरल कर दिए हैं। अब सदस्य अपने या परिवार की शादी के लिए आसानी से पैसा निकाल सकते हैं। नियमों के तहत पीएफ बैलेंस का एक निश्चित हिस्सा निकाला जा सकता है, जिससे शादी का खर्च कुछ हद तक पूरा हो सकेगा।

EPFO Marriage Claim Limit: शादी का खर्च PF से? जानिए आखिर कितने रुपये निकाल सकते हैं? नियम पढ़कर आप भी कहेंगे ‘वाह!’

(EPFO Marriage Claim Limit/ Image Credit: ANI News)

Modified Date: December 11, 2025 / 02:27 pm IST
Published Date: December 11, 2025 2:26 pm IST
HIGHLIGHTS
  • ईपीएफओ ने शादी के लिए पीएफ निकासी नियम काफी आसान किए
  • अब पीएफ बैलेंस का 100% तक निकालने की अनुमति
  • शादी के लिए निकासी की सीमा बढ़कर 5 बार हुई

नई दिल्ली: EPFO Marriage Claim Limit: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा शादी के लिए पीएफ निकालने से जुड़े नियमों को पहले की तुलना में काफी आसान बना दिया गया है। अब सदस्य अपने या परिवार के किसी भी सदस्य की शादी के लिए फंड का उपयोग बिना जटिल प्रक्रियाओं के भी कर सकते हैं।

शादी में पीएफ क्यों होता है उपयोगी?

निजी क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों के लिए ईपीएफओ एक भरोसेमंद वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है। अचानक धन की जरूरत पड़ने पर कर्मचारी अपनी पीएफ राशि का एक हिस्सा निकालकर खर्चों को आसानी से पूरा कर सकते हैं। हालांकि पीएफ पूरी तरह कर्मचारी की कमाई से जुड़ा होता है, लेकिन इसे मनचाहे समय पर पूरा निकालना संभव नहीं है। इसके लिए कुछ निश्चित नियम लागू होते हैं।

शादी के लिए पीएफ निकासी के नए नियम

नए प्रावधानों के तहत अब शादी के लिए पीएफ निकालना काफी सरल हो गया है। अब सदस्य अपने पीएफ बैलेंस का 100% तक (कर्मचारी और नियोक्ता का हिस्सा) निकाल सकते हैं। शादी के लिए पैसा निकालने की अधिकतम सीमा 5 बार कर दी गई है, जबकि पहले यह सीमा 3 बार थी। पहले शादी के लिए निकासी हेतु कम से कम 7 साल की नौकरी जरूरी थी, जिसे अब घटाकर 12 महीने कर दिया गया है। अब शादी का कार्ड या कोई विशेष प्रमाणपत्र जमा करने की जरूरत नहीं है। केवल एक साधारण घोषणा पत्र ही पर्याप्त है।

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पैसा निकासी की प्रक्रिया में और क्या बदला?

ईपीएफओ ने निकासी से जुड़े कई प्रावधानों को कर्मचारियों के हित में संशोधन किया है। पीएफ फंड की निकासी सीमा बढ़ाकर अब 5 बार कर दी गई है। सर्विस ईयर से जुड़े नियमों को सरल बनाते हुए तमाम प्रकार की निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि अब मात्र 12 महीने तय की गई है। दस्तावेजों की झंझट खत्म कर दी गई है, जिससे प्रक्रिया पहले की तुलना में काफी तेज और ज्यादा सुविधाजनक हो गई है।

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लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।