चीन ने सौर-आईटी क्षेत्रों में भारत के कदम के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में शिकायत की

चीन ने सौर-आईटी क्षेत्रों में भारत के कदम के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में शिकायत की

चीन ने सौर-आईटी क्षेत्रों में भारत के कदम के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में शिकायत की
Modified Date: December 23, 2025 / 08:22 pm IST
Published Date: December 23, 2025 8:22 pm IST

नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) चीन ने भारत के सौर एवं सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्रों में उठाए गए समर्थनकारी उपायों के खिलाफ विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है।

चीन का कहना है कि भारत की तरफ से कुछ प्रौद्योगिकी उत्पादों पर लागू आयात शुल्क और घरेलू माल के उपयोग पर आधारित प्रोत्साहन चीन के उत्पादों के खिलाफ भेदभावपूर्ण हैं।

डब्ल्यूटीओ की तरफ से जारी सूचना के मुताबिक, चीन ने डब्ल्यूटीओ के विवाद निपटान नियमों के तहत भारत से परामर्श की मांग की है।

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चीन का कहना है कि ये उपाय एवं प्रोत्साहन डब्ल्यूटीओ के सामान्य व्यापार एवं शुल्क समझौता (गैट) 1994, सब्सिडी एवं प्रतिकर उपाय समझौता और व्यापार-संबद्ध निवेश उपाय समझौता के नियमों का उल्लंघन करते हैं।

चीन ने खासतौर पर सौर उपकरणों के लिए भारत की उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पर सवाल उठाया है। इसके तहत प्रोत्साहन पाने के लिए कई शर्तें पूरी करनी होती हैं, जिनमें न्यूनतम स्थानीय मूल्य संवर्द्धन शामिल है।

भारत ने यह कदम घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए उठाए हैं।

चीन ने आरोप लगाया है कि भारत के ये उपाय सौर सेल, सौर मॉड्यूल और आईटी क्षेत्रों में वस्तुओं के व्यापार को प्रभावित करते हैं।

डब्ल्यूटीओ की स्थापित प्रक्रिया के मुताबिक, दो देशों के बीच व्यापार संबंधी विवाद होने पर परामर्श की प्रक्रिया होती है और उससे भी समाधान नहीं निकलने पर चीन एक विवाद निपटान पैनल के गठन की मांग कर सकता है।

चीन, भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा 99.2 अरब डॉलर तक बढ़ गया।

भाषा प्रेम

प्रेम अजय

अजय


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