‘चीनीमंडी’ की सरकार से उद्योग के मुद्दों को हल करने की मांग, श्वेत पत्र सौंपा

‘चीनीमंडी’ की सरकार से उद्योग के मुद्दों को हल करने की मांग, श्वेत पत्र सौंपा

‘चीनीमंडी’ की सरकार से उद्योग के मुद्दों को हल करने की मांग, श्वेत पत्र सौंपा
Modified Date: March 18, 2025 / 07:22 pm IST
Published Date: March 18, 2025 7:22 pm IST

नयी दिल्ली, 18 मार्च (भाषा) चीनी उद्योग के शोध संस्थान ‘चीनीमंडी’ ने मंगलवार को कहा कि उसने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) के साथ तालमेल बिठाने सहित विभिन्न मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है।

चीनीमंडी ने बयान में कहा कि उद्योग को लगातार नीतिगत हस्तक्षेप और चीनी और एथनॉल की गैर-लाभकारी कीमतों का सामना करना पड़ रहा है।

सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री, नितिन गडकरी और डीएफपीडी के संयुक्त सचिव-चीनी, अश्विनी श्रीवास्तव को सौंपे गए एक श्वेत पत्र में चीनीमंडी ने कहा, ‘‘लगातार गन्ने के एफआरपी संशोधनों के बावजूद, चीनी एमएसपी वर्ष 2019 से अपरिवर्तित बनी हुई है।’’

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‘चीनी, जैव ऊर्जा और संबद्ध उद्योगों के विकास के लिए रूपरेखा’ शीर्षक वाले श्वेत पत्र में कहा गया है कि एमएसपी और एफआरपी के बीच बढ़ता अंतर, चीनी और जैव ऊर्जा उद्योग के वित्तीय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है।

इसमें सुझाव दिया गया है कि चीनी के एमएसपी में तत्काल वृद्धि की आवश्यकता है, जिससे चीनी मिलों को नकदी प्रवाह बनाने और किसानों को समय पर गन्ना खरीद मूल्य का भुगतान करने में मदद मिलेगी।

चीनीमंडी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक उप्पल शाह ने कहा, ‘‘चीनी उद्योग में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, लेकिन अब भी इसे कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनपर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। यह श्वेत पत्र चीनी उद्योग को वैश्विक स्तर पर टिके रहने, विस्तार करने और प्रतिस्पर्धा करने में मदद करने के लिए एक रूपरेखा के रूप में कार्य करता है।’’

चीनीमंडी के सह-संस्थापक और निदेशक हेमंत शाह ने कहा, ‘‘रणनीतिक योजना, अनुसंधान, विकास और स्थिरता के प्रति सामूहिक दृष्टिकोण के साथ, भारत चीनी और जैव ऊर्जा उत्पादन में नए मानक स्थापित कर सकता है। यह राष्ट्रीय विकास और वैश्विक स्थिरता उद्देश्यों में योगदान देगा।’’

चीनीमंडी ने कहा कि यह श्वेत पत्र, समय की मांग है। चीनी उद्योग देश को ऊर्जा कुशल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसलिए, उद्योग की चिंताओं को दूर करने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

श्री रेणुका शुगर्स के कार्यकारी निदेशक, विजेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘मैं चीनीमंडी के प्रबंधन की सराहना करता हूं जिन्होंने यह पहल की और नीति- निर्माताओं के समक्ष सही बिंदुओं को उठाया। मुझे विश्वास है कि नीति-निर्माता इन मुद्दों पर गौर करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि पेशेवरों, सरकारी अधिकारियों और विशेषज्ञों द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर सिफारिशें स्पष्ट और सटीक हैं।

सिंह ने कहा कि एक बार इन नीतियों के लागू होने के बाद सभी अंशधारकों को लाभ होगा तथा एथनॉल एवं चीनी उद्योग के आसपास एक स्थायी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण होगा।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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