गेहूं की फसल पर तापमान वृद्धि के प्रभाव की निगरानी के लिए समिति का गठन

गेहूं की फसल पर तापमान वृद्धि के प्रभाव की निगरानी के लिए समिति का गठन

गेहूं की फसल पर तापमान वृद्धि के प्रभाव की निगरानी के लिए समिति का गठन
Modified Date: February 20, 2023 / 02:36 pm IST
Published Date: February 20, 2023 2:36 pm IST

नयी दिल्ली, 20 फरवरी (भाषा) सरकार ने गेहूं की फसल पर तापमान में वृद्धि के प्रभाव की निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया है।

यह कदम राष्ट्रीय फसल पूर्वानुमान केंद्र (एनसीएफसी) के इस अनुमान के बीच आया है कि मध्य प्रदेश को छोड़कर प्रमुख गेहूं उत्पादक क्षेत्रों में अधिकतम तापमान फरवरी के पहले सप्ताह के दौरान पिछले सात वर्षों के औसत से अधिक था।

यहां तक कि मौसम विभाग ने भी अगले दो दिन में गुजरात, जम्मू, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान जताया है।

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पत्रकारों से बात करते हुए कृषि सचिव मनोज आहूजा ने कहा, ‘‘गेहूं की फसल पर तापमान में वृद्धि से पैदा होने वाली स्थितियों की निगरानी के लिए हमने एक समिति का गठन किया है।’’

उन्होंने कहा कि समिति सूक्ष्म सिंचाई को अपनाने के लिए किसानों को परामर्श जारी करेगी।

उन्होंने कहा कि कृषि आयुक्त की अध्यक्षता वाली समिति में करनाल स्थित गेहूं अनुसंधान संस्थान के सदस्य और प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों के प्रतिनिधि भी होंगे।

हालांकि, सचिव ने कहा कि जल्दी बोई जाने वाली किस्मों पर तापमान में वृद्धि का असर नहीं होगा और यहां तक कि गर्मी प्रतिरोधी किस्मों को भी इस बार बड़े क्षेत्रों में बोया गया है।

फसल वर्ष 2022-23 (जुलाई-जून) में गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 11.21 करोड़ टन रहने का अनुमान है।

कुछ राज्यों में लू की स्थिति के कारण पिछले वर्ष गेहूं का उत्पादन मामूली रूप से घटकर 10 करोड़ 77.4 लाख टन रह गया था।

गेहूं एक प्रमुख रबी फसल है, जिसकी कटाई कुछ राज्यों में शुरू हो गई है।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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