कंपनियों को क्षेत्र विशेष की एआई तकनीक बनानी चाहिए: आईटी सचिव

कंपनियों को क्षेत्र विशेष की एआई तकनीक बनानी चाहिए: आईटी सचिव

कंपनियों को क्षेत्र विशेष की एआई तकनीक बनानी चाहिए: आईटी सचिव
Modified Date: December 5, 2025 / 04:21 pm IST
Published Date: December 5, 2025 4:21 pm IST

नयी दिल्ली, पांच दिसंबर (भाषा) आईटी और आईटी आधारित सेवा (आईटीईएस) कंपनियों को विभिन्न क्षेत्रों की खास समस्याओं के लिए एआई आधारित समाधान बनाने चाहिए।

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी सचिव एस कृष्णन ने शुक्रवार को यहा कि ऐसा करने से नई नौकरियां पैदा होने की संभावना है।

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उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्मार्ट गवर्नमेंट (एनआईएसजी) के एक सम्मेलन में कहा कि लोग सोच सकते हैं कि बड़ी ‘कंप्यूट’ सुविधाओं की कमी के कारण भारत एआई के बड़े मॉडल बनाने की दौड़ में पीछे रह गया है, लेकिन भारत एआई मॉडल के जरिये आम लोगों की जरूरतों के समाधान बनाकर बढ़त हासिल कर सकता है।

कृष्णन ने कहा, ”बहुत बड़े मॉडल की जरूरत नहीं है। जरूरत है क्षेत्र विशेष के लिए बने सीमित मॉडल की, जो उस क्षेत्र में लागू हों और उसकी समस्याओं को हल करें। यही दिशा है जिसमें हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले दिनों में भारत का बड़ा सॉफ्टवेयर उद्योग और आईटी-आईटीईएस उद्योग आगे बढ़े।”

कृष्णन ने कहा कि यह भारतीय आईटी उद्योग के लिए एक तरह का ‘वाई2के’ पल है।

उन्होंने एआई के बारे में कहा, ”यह नौकरियां खत्म होने की बात नहीं है, बल्कि नई तरह की नौकरियों के सृजित होने की बात है।”

कृष्णन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बार-बार कहा है कि एआई को एक ऐसी तकनीक के रूप में देखना जरूरी है जिसमें ढेर सारी संभावनाएं हैं।

उन्होंने कहा कि भारत के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरनचा (डीपीआई) का इस्तेमाल अब कुछ विदेशी देश भी कर रहे हैं। आधार, यूपीआई, कोविन मंच जैसी तकनीकें डीपीआई का हिस्सा हैं, जो अपने-अपने क्षेत्र में सेवाओं की लागत कम करती हैं।

भाषा पाण्डेय रमण

रमण


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