नयी दिल्ली, 26 मई (भाषा) भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने कृत्रिम मेधा (एआई) और प्रतिस्पर्धा पर इसके प्रभाव पर अध्ययन करने के लिए बोलियां जमा करने की समय सीमा 18 जून तक बढ़ा दी है।
इससे पहले बोली लगाने की अंतिम तिथि तीन जून थी।
सीसीआई ने कहा कि बोलियां किसी गठजोड़ (कंसोर्टियम) या संयुक्त उद्यम के माध्यम से प्रस्तुत नहीं की जा सकतीं। अन्य पात्रता आवश्यकताओं के अलावा, बोलीदाताओं के लिए न्यूनतम वार्षिक कारोबार 50 करोड़ रुपये बरकरार रखा गया है।
सीसीआई ने 24 मई को जारी बयान में कहा, ‘प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) किसी गठजोड़ या संयुक्त उद्यम के माध्यम से बोलियां जमा करने का प्रावधान नहीं करता है। हालांकि, समूह की कंपनियों का कारोबार, 50 करोड़ रुपये की पात्रता मानदंड को पूरा करने के लिए शामिल किया जा सकता है।’
बोलियां जमा करने की अंतिम तिथि 18 जून है और वित्तीय बोलियां 11 जुलाई को खोली जाएंगी। अध्ययन में विभिन्न पहलुओं को शामिल किया जाएगा।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
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