भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सहकारी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा: भूपेन्द्र पटेल

भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सहकारी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा: भूपेन्द्र पटेल

भारत को तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में सहकारी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा: भूपेन्द्र पटेल
Modified Date: January 15, 2024 / 07:33 pm IST
Published Date: January 15, 2024 7:33 pm IST

देवदार, 15 जनवरी (भाषा) गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने सोमवार को कहा कि सहकारी क्षेत्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का सबसे अच्छा तरीका है और यह भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

वह बनास डेयरी और बनास बैंक की विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद गुजरात के बनासकांठा जिले के देवदार गांव में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

पटेल ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि सहकारी क्षेत्र इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘हाल ही में राज्य सरकार ने वाइब्रेंट गुजरात वैश्विक शिखर सम्मेलन के 10वें संस्करण का आयोजन किया। हमारा ध्यान उभरती और भविष्य की प्रौद्योगिकियों जैसे हरित ऊर्जा, हाइड्रोजन ऊर्जा और सेमीकंडक्टर पर था। साथ ही, हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। सहकारी क्षेत्र, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का सबसे अच्छा तरीका है।’’

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि ऐसे बैंकों के भारतीय रिजर्व बैंक के दायरे में आने के बाद सहकारी बैंकों के प्रशासन में काफी सुधार हुआ है और इससे जमाकर्ताओं का विश्वास बढ़ा है।

पटेल ने कहा, कृषि, बैंकिंग और पशुपालन से संबंधित केंद्र सरकार की सेवाएं अब प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पैक्स) की मदद से गांवों में उपलब्ध हो रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हमेशा ‘पैक्स’ को बहु-सेवा केंद्रों के रूप में विकसित करने पर जोर दिया है। आने वाले दिनों में, ‘पैक्स’ जेनेरिक दवाएं बेचने जैसी कई अन्य सेवाएं प्रदान करेगा।’’

पटेल ने कहा, ‘‘निकट भविष्य में, ‘पैक्स’ लघु-सहकारी कार्यालयों में बदल जाएंगे और उन्हें सहकारी संरचना के माध्यम से स्थानीय रूप से शासित किया जाएगा। हालांकि, सहकारी संरचना भारत में लंबे समय से मौजूद है, यह प्रधानमंत्री मोदी ही थे जो देश के हर कोने में रहने वाले लोगों को लाभ प्रदान करने के लिए पैक्स का उपयोग करने का विचार लेकर आए थे।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि बनास बैंक ने गुजरात राज्य सहकारी बैंक (जीएससी बैंक) के साथ मिलकर लोगों को ‘डोर-स्टेप’ (दरवाजे पर) बैंकिंग सुविधाएं प्राप्त करने में मदद करने के लिए राज्य में अबतक 180 एटीएम और 1,700 सूक्ष्म एटीएम खोले हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आज हम एक प्रायोगिक परियोजना शुरू कर रहे हैं जिसके तहत बनासकांठा और पंचमहल जिलों में पैक्स ‘बैंक मित्र’ के रूप में कार्य करेंगे। इस परियोजना का उद्देश्य किसानों और पशुपालकों को बैंकिंग सेवाएं प्रदान करके औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाना है।’’

मुख्यमंत्री ने कहा, बनास डेयरी ने गोबर बास (बायोगैस) को हाइड्रोजन में बदलने की परियोजना शुरू की है। उन्होंने देशी भारतीय नस्लों की गायों और भैंसों की उत्पादकता में सुधार के लिए 324 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से स्थापित किए जा रहे बनास बोवाइन ब्रीडिंग एंड रिसर्च सेंटर (बीबीबीआरसी) की आधारशिला भी रखी।

समारोह के दौरान पटेल ने एक योजना की शुरुआत की, जिसमें किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पशुपालकों को 50,000 रुपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय


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