नयी दिल्ली, 13 मई (भाषा) रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आरएआई) ने गुरुवार को कहा कि खुदरा उद्योग में काम कर रहे श्रमिकों और व्यवसायों को तत्काल मदद की जरूरत है, क्योंकि कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर पर काबू पाने के लिए लागू किए गए प्रतिबंधों से वे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
आरएआई ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में लॉकडाउन की अवधि को लगातार बढ़ाया जा रहा है, ऐसे में खुदरा कारोबारियों के लिए कर्मचारियों को बनाए रखना बेहद मुश्किल है।
संगठन ने कहा कि इन हालात में कारोबार को बचना भी कठिन होता जा रहा है और उद्योग को तत्काल पूंजी की जरूरत है। ’’
संगठन ने कहा कि आपूर्ति करने वाले लाखों सूक्षम, लघु और मझोले उद्यमों को भी अन्य औद्योगिक इकाइयों से भुगतान मिलना रूक जाता है।’’
आरएआई ने कहा, ‘‘लॉकडाउन के चलते कारोबार भले ही बंद हो, लेकिन खुदरा कारोबारियों को वेतन, न्यूनतम बिजली बिल, किराया, संपत्ति कर आदि का भुगतान करना होगा। उद्योग की आमदनी बंद हो गई है, जबकि निश्चित परिचालन लागत बरकरार है।’’
आरएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार राजगोपालन ने कहा, ‘‘दो कदम तत्काल उठाकर उद्योग को ढहने से बचाया जा सकता है- प्राथमिकता के आधार पर प्रत्येक श्रमिकों का टीकाकरण और तुरंत वित्तीय सहायता मुहैया कराना।
भाषा पाण्डेय मनोहर
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