Credit Score Check: महीने नहीं, अब इतने दिनों मे अपडेट होगा आपका क्रेडिट स्कोर! जानिए आरबीआई के इस नए गाइडलाइन से कितना फायदा और नुकसान?
RBI ने नया नियम लागू किया है, जिसके तहत अब आपका क्रेडिट स्कोर हर महीने नहीं बल्कि हर 7 दिन में अपडेट होगा। इससे आपकी फाइनेंशियल एक्टिविटी का असर रियल-टाइम में दिखेगा और लोन या क्रेडिट संबंधी फैसले तेजी से लिए जा सकेंगे।
(Credit Score Check/ Image Credit: RBI)
- RBI का नया नियम हर 7 दिन में क्रेडिट स्कोर अपडेट करता है।
- EMI भुगतान या क्रेडिट कार्ड बिल भरते ही स्कोर में बदलाव दिखेगा।
- लोन मंजूरी और ब्याज दर निर्धारण अब तेजी से होगा।
नई दिल्ली: Credit Score Check: अगर आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते हैं, EMI भरते हैं या नया लोन लेने की योजना बना रहे हैं, तो RBI का ताजा फैसला आपके लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। अब आपका क्रेडिट स्कोर महीने में एक बार नहीं, बल्कि हर सात दिन में अपडेट होगा। इसका मतलब है कि आपकी वित्तीय गतिविधियों का असर अब रियल-टाइम में दिखाई देगा।
लोगों को मिलेगी राहत
इस कदम से उन लाखों लोगों को राहत मिलेगी जिनका लोन बैंक के क्रेडिट स्कोर अपडेट का इंतजार करने के कारण अटका रहता था। EMI चुकाते ही, क्रेडिट कार्ड पेमेंट क्लियर होते ही या नया लोन लेने पर उसका रिकॉर्ड उसी हफ्ते आपकी रिपोर्ट में जुड़ जाएगा।
RBI के नए नियम में क्या बदला?
पहले बैंकों और वित्तीय संस्थानों को महीने में एक बार या पखवाड़े में क्रेडिट ब्यूरो (जैसे CIBIL, Equifax, Experian, CRIF High Mark) को डेटा भेजना पड़ता था। नए दिशानिर्देशों के तहत यह रिपोर्टिंग अब साप्ताहिक रूप से अनिवार्य होगी। बैंक महीने की 7, 14, 21, 28 तारीख और महीने के आखिरी दिन डेटा भेजेंगे।
वहीं, इस बदलाव से EMI भुगतान, क्रेडिट कार्ड बिल, नया लोन, बकाया राशि या खाता बंद होने जैसी सभी फाइनेंशियल एक्टिविटी का ताजा अपडेट तुरंत आपकी रिपोर्ट में दर्ज होगा। साथ ही, केवल वही डेटा भेजा जाएगा जिसमें बदलाव हुआ है, जिससे प्रक्रिया तेज और आसान होगी।
ग्राहकों के लिए फायदे
साप्ताहिक अपडेट से ग्राहकों को कई लाभ होंगे:
- EMI चुकाने या क्रेडिट कार्ड का बिल समय पर भरने पर स्कोर तुरंत सुधरेगा।
- बेहतर क्रेडिट कार्ड प्राप्त करने, कम ब्याज दर पर लोन लेने और नए लोन की मंजूरी में मदद मिलेगी।
- बैंक ग्राहकों की ताजा क्रेडिट रिपोर्ट देखकर जोखिम का सही आंकलन कर पाएंगे और लोन की शर्तें सही तय करेंगे।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों को लाभ
- बैंकों को ग्राहकों का डेटा अब अधिक सटीक और ताजा मिलेगा।
- डिफॉल्ट का खतरा कम होगा।
- क्रेडिट अप्रेजल मजबूत होगा।
- धोखाधड़ी का पता लगाना आसान होगा।
- लोन डिस्बर्सल प्रोसेस तेज और प्रभावी होगी।
क्रेडिट स्कोर क्या होता है?
क्रेडिट स्कोर 300 से 900 के बीच का तीन-अंकों वाला नंबर होता है, जो यह बताता है कि आप कितने जिम्मेदार उधारकर्ता हैं। स्कोर जितना अच्छा होगा, लोन प्राप्त करने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।
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