नईदिल्ली। बीते 11 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट की तरफ से एक हैरान करने वाली रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक और कुछ बड़े बैंक गरीबों के खाते से सेवाओं के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। दरअसल पीएनबी, एसबीआई जैसे बैंक बीएसबीडीए खाते पर चार बार से ज्यादा निकासी पर चार्ज वसूल रहे हैं। अब करीब एक महीने के बाद देश के सबसे बड़े बैंक ने आधिकारिक तौर पर ये घोषणा कर दी है कि बीएसबीडीए अकाउंट होल्डर्स अपनी खातों से केवल 4 बार ही मुफ्त निकासी कर सकेंगे। इसके बाद की हर निकासी पर 15 रुपए प्लस जीएसटी का शुल्क देना होगा।
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एक रिपोर्ट के मुताबिक बेसिक सेविंग खाताधारक अब किसी ब्रांच या एटीएम से एक महीने में सिर्फ 4 बार ही बिना किसी शुल्क के कैश निकाल सकेंगे, इसके बाद ये खाताधारक चाहे एसबीआई एटीएम से निकासी करें या गैर एसबीआई ब्रांच से उन्हें 15 रुपए प्लस जीएसटी का चार्ज देना ही होगा, ये नियम 1 जुलाई से लागू होंगे।
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बीएसबीडीए अकाउंट यानी बेसिक सेविंग बैंक डिपॉजिट अकाउंट, आरबीआई के नियमों के मुताबिक इस खाते में कई तरह की छूट होती है, यह एक जीरो बैलेंस अकाउंट होता है, जिसे कोई भी खुलवा सकता है, इसमें मिनिमम बैलेंस रखने का झंझट नहीं होता, इस खाते की सबसे खास बात होती है कि इसमें बैंक या ATM से कैश विदड्रॉल, इंटरनेट बैंकिंग, फंड ट्रान्सफर, केन्द्र व राज्य सरकार की ओर से आने वाले चेक को डिपॉजिट आदि किया जा सकता है, ये सभी सर्विस फ्री होती हैं जाती है।
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आईआईटी बॉम्बे की रिपोर्ट के मुताबिक एसबीआई के पास बीएसबीडी खाताधरकों को संख्या करीब 12 करोड़ है, जिनसे इस बैंक के सर्विसेज के नाम पर 9.9 करोड़ रुपए जुटाए हैं, दरअसल ये बैंक छोटी छोटी रकम लोगों के खातों से काटकर एक मोटी रकम इक्कठा कर लेते हैं, आईआईटी बाम्बे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के सबसे बड़े बैंक ने अपने 12 करोड़ बीएसबीडी अकांउट होल्डर्स से सर्विस के नाम पर पूरे 308 करोड़ की वसूली की है, बैंक ने 308 करोड़ की रकम 6 साल में वसूल की है।