दिल्ली के उप-राज्यपाल का रेरा से आदेश पर दोबारा विचार करने का आग्रह

दिल्ली के उप-राज्यपाल का रेरा से आदेश पर दोबारा विचार करने का आग्रह

दिल्ली के उप-राज्यपाल का रेरा से आदेश पर दोबारा विचार करने का आग्रह
Modified Date: November 28, 2023 / 09:48 pm IST
Published Date: November 28, 2023 9:48 pm IST

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) दिल्ली के उप-राज्यपाल वी के सक्सेना ने प्रदेश की रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) से अपने आदेश की फिर से समीक्षा करने का आग्रह किया है। इस आदेश के लागू होने के बाद शहर में संपत्तियों का पंजीकरण रुक गया है। एलजी कार्यालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

सक्सेना ने इस मुद्दे को सुलझाने के लिए मंगलवार को राज निवास में मुख्य सचिव और मंडलायुक्त के साथ दिल्ली रेरा के अध्यक्ष और सदस्यों से मुलाकात की।

राज निवास के एक अधिकारी ने कहा, “दिल्ली में आम लोगों को हो रही परेशानी को देखते हुए उप-राज्यपाल ने रेरा से अपने आदेश पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया है।”

 ⁠

उन्होंने कहा, “सक्सेना ने रेरा के आदेश पर व्यापक चर्चा में दिल्ली के निवासियों को हो रही गंभीर समस्याओं और उत्पीड़न को उनके संज्ञान में लाया।”

दिल्ली रेरा ने 19 सितंबर को अपने आदेश में उप पंजीयकों को निर्देश दिया था कि वे किसी भूखंड पर स्वीकृत इकाइयों की संख्या से अधिक निर्मित अतिरिक्त आवास इकाइयों का पंजीकरण करने से बचें।

इसने यह भी निर्देश दिया कि 15 सितंबर, 2023 के बाद स्वीकृत सभी भवन योजनाओं में एक भूखंड पर बनाई जा सकने वाली आवास इकाइयों की कुल संख्या को स्पष्ट रूप से दर्शाया जाना चाहिए और योजना में प्रत्येक आवास को अलग से चिह्नित किया जाना चाहिए।

दिल्ली रेरा के आदेश के बाद, राजस्व विभाग के उप पंजीयकों ने संपत्तियों का पंजीकरण बंद कर दिया। हालांकि, वरिष्ठ अधिकारियों ने दावा किया कि विभाग ने इस आशय का कोई आदेश जारी नहीं किया था।

रेरा ने अपने आदेश में यह भी आरोप लगाया कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), नयी दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) और दिल्ली छावनी बोर्ड जैसे नागरिक प्राधिकरण बिना रसोई के अतिरिक्त आवास इकाइयों के साथ या पेंट्री या स्टोर के साथ निर्माण योजनाओं को मंजूरी दे रहे थे।

राज निवास ने कहा कि उप-राज्यपाल को सांसदों, विधायकों, नगर निगम पार्षदों, नागरिक समाज संगठनों के साथ-साथ आम जनता से बेची और खरीदी गई संपत्तियों के बिक्री कार्यों के पंजीकरण में आने वाली समस्याओं पर प्रतिवेदन और शिकायतें मिल रही हैं।

आदेश में 3,750 वर्ग मीटर और उससे अधिक आकार के अन्य भूखंडों की आवासीय इकाइयों की संख्या भी तय की गई थी।

भाषा अनुराग रमण

रमण


लेखक के बारे में