प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अब तक 3.95 प्रतिशत घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपये पर

प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अब तक 3.95 प्रतिशत घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपये पर

प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अब तक 3.95 प्रतिशत घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपये पर
Modified Date: August 12, 2025 / 07:46 pm IST
Published Date: August 12, 2025 7:46 pm IST

नयी दिल्ली, 12 अगस्त (भाषा) शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक 3.95 प्रतिशत घटकर 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा। कर संग्रह में कमी की मुख्य वजह ‘रिफंड’ का अधिक होना है। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

प्रत्यक्ष कर में कंपनियों, व्यक्ति, पेशेवरों और अन्य संस्थाओं की आय पर कर शामिल हैं।

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच में अब तक जारी ‘रिफंड’ 10 प्रतिशत बढ़कर 1.35 लाख करोड़ रुपये हो गया।

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शुद्ध कंपनी कर संग्रह तीन प्रतिशत बढ़कर करीब 2.29 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि गैर-कंपनी कर (जिसमें व्यक्ति, हिंदू अविभाजित परिवार व कंपनी शामिल हैं) संग्रह 7.45 प्रतिशत घटकर 4.12 लाख करोड़ रुपये रहा।

आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह 22,362 करोड़ रुपये रहा।

शुद्ध रूप से संग्रह 3.95 प्रतिशत घटकर करीब 6.64 लाख करोड़ रुपये रहा। यह बीते वित्त वर्ष 2024-25 की इसी अवधि में 6.91 लाख करोड़ रुपये था।

सकल संग्रह (रिफंड से पहले) एक अप्रैल से 11 अगस्त के बीच 1.87 प्रतिशत घटकर 7.99 लाख करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 8.14 लाख करोड़ रुपये था।

प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के पार्टनर हितेश साहनी ने कहा कि शुद्ध कर संग्रह में गिरावट मुख्य रूप से जारी किए गए ‘रिफंड’ की अधिक मात्रा खासकर कंपनी कर के कारण रही।

रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि कंपनी कर संग्रह के अधिक ‘रिफंड’ और व्यक्तिगत आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि को आगे बढ़ाने के कारण प्रत्यक्ष कर संग्रह में कमी आई है।

नायर ने कहा, ‘‘ कर संग्रह पर उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि भारत सरकार के व्यक्तिगत आयकर एवं निगम कर संग्रह को वित्त वर्ष 2025-26 के अपने-अपने लक्ष्यों को पूरा करने के लिए वित्त वर्ष 2025-26 के बचे महीनों में दहाई अंक की उच्च वृद्धि दर्ज करने की आवश्यकता है। हालांकि यह चुनौतीपूर्ण लग सकता है, लेकिन समय के साथ-साथ आधार सामान्य होगा शुद्ध व्यक्तिगत कर और कंपनी कर संग्रह की वृद्धि दर में सुधार होने की संभावना है।’’

सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है, जो सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत अधिक है। सरकार का लक्ष्य वित्त वर्ष 2025-26 में एसटीटी से 78,000 करोड़ रुपये एकत्र करना है।

भाषा निहारिका रमण

रमण


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