अर्थव्यवस्था के लिए दोहरी खुशी, खुदरा मुद्रास्फीति नरम पड़ी, औद्योगिक उत्पादन बढ़ा

अर्थव्यवस्था के लिए दोहरी खुशी, खुदरा मुद्रास्फीति नरम पड़ी, औद्योगिक उत्पादन बढ़ा

अर्थव्यवस्था के लिए दोहरी खुशी, खुदरा मुद्रास्फीति नरम पड़ी, औद्योगिक उत्पादन बढ़ा
Modified Date: April 12, 2024 / 10:11 pm IST
Published Date: April 12, 2024 10:11 pm IST

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल (भाषा) देश की अर्थव्यवस्था के लिए शुक्रवार को आए खुदरा मुद्रास्फीति और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े उत्साहजनक रहे। मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति खाद्य कीमतों में नरमी आने से पांच महीनों के निचले स्तर पर आ गई जबकि देश का औद्योगिक उत्पादन फरवरी में चार महीनों के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, मार्च के महीने में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति घटकर 4.85 प्रतिशत रही जो पांच महीनों का निचला स्तर है। अक्टूबर, 2023 में खुदरा मुद्रास्फीति 4.87 प्रतिशत पर रही थी। वहीं, फरवरी में यह 5.09 प्रतिशत और मार्च, 2023 में 5.66 प्रतिशत रही थी।

दूसरी तरफ, देश की औद्योगिक उत्पादन गतिविधियां फरवरी में सालाना आधार पर 5.7 प्रतिशत बढ़ीं, जो चार महीनों में सबसे अधिक है। अक्टूबर, 2023 में यह 11.9 प्रतिशत जबकि फरवरी, 2023 में छह प्रतिशत बढ़ा था।

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राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च महीने में खुदरा मुद्रास्फीति में आई नरमी के पीछे खाद्य उत्पादों की कीमतों में आई गिरावट की अहम भूमिका रही। खाद्य महंगाई दर 8.52 प्रतिशत रही जबकि फरवरी में यह 8.66 प्रतिशत थी।

अंडे, मसालों और दालों समेत अन्य खाद्य वस्तुओं की महंगाई दर में फरवरी की तुलना में गिरावट आई है। हालांकि फलों और सब्जियों की कीमतें मार्च में एक महीना पहले की तुलना में बढ़ गईं।

वहीं, ईंधन और प्रकाश खंड में भी खुदरा मुद्रास्फीति घटी है।

सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत (दो प्रतिशत कम या अधिक) पर सीमित रखने का दायित्व सौंपा हुआ है। रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति नीतिगत दर रेपो पर फैसला करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों को ध्यान में रखती है।

केंद्रीय बैंक ने इस साल सामान्य मानसून की उम्मीद जताते हुए चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

आरबीआई ने अप्रैल-जून तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 4.9 प्रतिशत और सितंबर तिमाही में 3.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

एनएसओ के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च महीने में ग्रामीण क्षेत्रों में मुद्रास्फीति राष्ट्रीय औसत से अधिक 5.45 प्रतिशत रही जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 4.14 प्रतिशत से कम रही।

सबसे अधिक मुद्रास्फीति ओडिशा में 7.05 प्रतिशत दर्ज की गई जबकि यह दिल्ली में सबसे कम 2.29 प्रतिशत रही।

रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि गर्मी अधिक रहने से जल्द खराब होने वाली खाद्य उत्पादों की कीमतों में तेजी देखी जा सकती है। इससे खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने और मुद्रास्फीति की उम्मीदों को बनाए रखने के लिए अनुकूल मानसून की अहमियत बढ़ जाएगी।

उद्योग मंडल पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष संजीव गोयनका ने कहा कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की खुदरा मुद्रास्फीति नरम होने से मुद्रास्फीति को सुगम राह पर लाने में मदद मिल रही है।

एनएसओ के आंकड़ों ने देश में औद्योगिक गतिविधियों में सुधार के संकेत भी दिए। फरवरी 2024 में देश का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) 5.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा जबकि एक साल पहले की समान अवधि में छह प्रतिशत बढ़ा था।

आईआईपी का पिछला उच्च स्तर अक्टूबर 2023 में 11.9 प्रतिशत था। इसके बाद यह धीमा होकर नवंबर में 2.5 प्रतिशत, दिसंबर में 4.2 प्रतिशत और जनवरी में 4.1 प्रतिशत रहा।

आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में खनन उत्पादन आठ प्रतिशत बढ़ा जबकि एक साल पहले इसी महीने में यह 4.8 प्रतिशत बढ़ा था।

विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन पांच प्रतिशत बढ़ा, जो एक साल पहले इसी महीने में 5.9 प्रतिशत बढ़ा था।

इस साल फरवरी में बिजली उत्पादन 7.5 फीसदी बढ़ा, जो एक साल पहले इसी महीने में 8.2 प्रतिशत बढ़ा था। पूंजीगत सामान की वृद्धि दर फरवरी 2024 में गिरकर 1.2 प्रतिशत हो गई, जबकि एक साल पहले यह 11 प्रतिशत थी।

समीक्षाधीन अवधि में उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं का उत्पादन 12.3 फीसदी बढ़ा। फरवरी 2023 में इसमें 4.1 फीसदी की गिरावट आई थी।

गैर-टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में आलोच्य महीने में 3.8 प्रतिशत की गिरावट आई। जबकि एक साल पहले फरवरी 2023 में इसमें 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

आंकड़ों के अनुसार, बुनियादी ढांचा/निर्माण वस्तुओं ने फरवरी 2024 में 8.5 की वृद्धि दर्ज की, जबकि एक साल पहले इसी माह में इसमें नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन में इस साल फरवरी में 5.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो एक साल पहले सात प्रतिशत रही थी।

समीक्षाधीन महीने में मध्यवर्ती वस्तु खंड में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जो एक साल पहले इसी अवधि में दर्ज एक प्रतिशत से अधिक थी।

भाषा प्रेम

प्रेम रमण

रमण


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