परियोजनाओं के लिए बोली, प्रदर्शन जमानत के तौर पर ई-बैंक गारंटी, बीमा ‘श्योरिटी बाॉन्ड’ को अनुमति |

परियोजनाओं के लिए बोली, प्रदर्शन जमानत के तौर पर ई-बैंक गारंटी, बीमा ‘श्योरिटी बाॉन्ड’ को अनुमति

परियोजनाओं के लिए बोली, प्रदर्शन जमानत के तौर पर ई-बैंक गारंटी, बीमा ‘श्योरिटी बाॉन्ड’ को अनुमति

:   Modified Date:  May 31, 2023 / 09:29 PM IST, Published Date : May 31, 2023/9:29 pm IST

नयी दिल्ली, 31 मई (भाषा) सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि उसने इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) समेत अन्य परियोजनाओं के मानक दस्तावेजों में ई-बैंक गारंटी, बीमा जमानती बॉन्ड को बोली एवं प्रदर्शन जमानत के तौर पर स्वीकार करने की मंजूरी दे दी है।

यह व्यवस्था ‘हाइब्रिड एनयुटी मॉडल’ और बनाओ, अपनाओ और सौंप दो (टोल) परियोजनाओं पर भी लागू होगी। ‘हाइब्रिड एनयुटी मॉडल’ में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण परियोजना विकास करने वाले को कुछ राशि देती है।

जमानती बॉन्ड या श्योरिटी बॉन्ड एक जोखिम हस्तांतरित करने वाला बीमा उत्पाद है और अनुबंधकर्ता के अनुबंध की शर्तों से पीछे हट जाने पर बीमा लेने वाली कंपनी को होने वाले नुकसान की भरपाई करता है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा था कि वित्त मंत्रालय सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) तथा राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लि.( एनएचआईडीसीएल) द्वारा लगे ठेकेदारों को अपनी बैंक गारंटी को बीमा जमानत बॉन्ड में बदलने की अनुमति देने पर सहमत हो गया है।

मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा, “ …व्यय विभाग के जरूरी संशोधनों के बाद ‘बोली जमानत’ और ‘प्रदर्शन जमानत’ के तौर पर ई-बैंक गारंटी और बीमा जमानत बॉन्ड को स्वीकार करने के संबंध में मंत्रालय ने मानक दस्तावेजों में जरूरी खंडों में बदलाव को मंजूरी दे दी है।”

गडकरी ने हाल ही में कहा था कि इसे अधिक आकर्षक बनाने के लिए जमानत बॉन्ड पेशकश में बदलाव किए जाएंगे क्योंकि कोई ठेकेदार बीमा नियामक इरडा की सख्त शर्तों के कारण इसे नहीं खरीद रहा है।

मंत्रालय ने कहा, “सभी मौजूदा अनुबंधों में बोली / प्रदर्शन जमानत को उपलब्धता के आधार पर बीमा जमानत बांड के तौर पर प्रतिस्थापित किया जा सकता है।”

इसके अलावा, मंत्रालय ने कहा कि अगर बैंक गारंटी को बोली जमानत या प्रदर्शन जमानत के रूप में लिया जा रहा है और इसे ई-बैंक गारंटी के रूप में प्रस्तुत करना संभव नहीं है, तो बैंक गारंटी को स्वीकार किया जा सकता है।

गडकरी ने सड़क विकास करने वाली कंपनियों की बैंक गारंटी पर निर्भरता कम करने के लिए पिछले वर्ष दिसंबर में देश के पहले श्योरिटी बॉन्ड बीमा उत्पाद को पेश किया था।

भाषा अनुराग रमण

रमण

 

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