नयी दिल्ली/कोलकाता, 26 फरवरी (भाषा) भारतीय निर्यात क्रेडिट गारंटी निगम (ईसीजीसी) ने रूस के लिए माल लदान पर कवरेज 25 फरवरी से वापस लेने का फैसला किया है। उद्योग निकाय फीयो ने शनिवार को कहा कि यह निर्यातकों के लिए एक बड़ा झटका है।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष के बीच ईसीजीसी ने कहा, ‘‘निकट अवधि के वाणिज्यिक दृष्टिकोण के आधार पर, अल्पकालिक और मध्यम से दीर्घावधि के तहत रूस के जोखिम वर्गीकरण को संशोधित करने का निर्णय लिया गया है जो 25 फरवरी से प्रभाव में आएगा।’’
रूस के लिए अपनी हामीदार नीति में संशोधन करते हुए सरकारी स्वामित्व वाले इस निगम ने उसे पहले की ‘ओपन कवर’ श्रेणी से हटाकर ‘सीमित कवर श्रेणी (आरसीसी- 1) में रख दिया है। ओपन कवर श्रेणियां पॉलिसीधारकों को अधिक उदार आधार पर कवर प्राप्त करने में सक्षम बनाती हैं।
भारतीय निर्यात संगठन परिसंघ (फीयो) के महानिदेशक अजय सहाय ने कहा कि ईसीजीसी ने रूस के लिए माल लदान पर कवरेज अचानक ही वापस ले लिया और यह 25 फरवरी से प्रभाव में आ गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस तरह की कार्रवाई निर्यातकों के लिए बहुत बड़ा झटका है क्योंकि विभिन्न भारतीय बंदरगाहों पर माल लदान के लिए खड़े मालवाहक जहाजों को ईसीजीसी के तहत कवर नहीं किया जाएगा।’’
हैंड टूल्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एस सी रल्हन ने कहा कि रूस के लिए निर्यात लदान को अब ईसीजीसी कवर नहीं करेगा जो निर्यातक समुदाय के लिए झटका है।
इस बीच शिपिंग लाइनर्स ने रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के मद्देनजर दोनों देशों के लिए निर्यात कार्गो की बुकिंग बंद कर दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पश्चिम बंगाल कस्टम हाउस एजेंट्स सोसाइटी के अध्यक्ष सुजीत चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘भूराजनीतिक अस्थिरता के कारण कई शिपिंग लाइनर्स ने रूस के लिए कंटेनरों की आपूर्ति बंद कर दी और वे बुकिंग भी नहीं ले रहे।’’
भारत के लिए रूस 25वां सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है। चालू वित्त वर्ष के पहले नौ महीने रूस के लिए 2.5 अरब डॉलर का निर्यात और 6.9 अरब डॉलर का आयात रहा। 2021 में भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय कारोबार 11.9 अरब डॉलर का रहा।
भाषा मानसी पाण्डेय
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