10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में आठ का बाजार पूंजीकरण 2.08 लाख करोड़ रुपये घटा

10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में आठ का बाजार पूंजीकरण 2.08 लाख करोड़ रुपये घटा

10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में आठ का बाजार पूंजीकरण 2.08 लाख करोड़ रुपये घटा
Modified Date: June 2, 2024 / 02:56 pm IST
Published Date: June 2, 2024 2:56 pm IST

नयी दिल्ली, दो जून (भाषा) सेंसेक्स की 10 सबसे मूल्यवान कंपनियों में आठ के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में पिछले सप्ताह 2,08,207.93 करोड़ रुपये की गिरावट हुई। सबसे अधिक नुकसान रिलायंस इंडस्ट्रीज, टीसीएस और इन्फोसिस को हुआ।

इसके अलावा आईटीसी, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी), हिंदुस्तान यूनिलीवर लिमिटेड, भारती एयरटेल और आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण भी घटा। वहीं एचडीएफसी बैंक और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) लाभ में रहीं।

पिछले सप्ताह 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 1,449 अंक या 1.92 प्रतिशत टूटा था। शुक्रवार को यह 75.71 अंक या 0.10 प्रतिशत बढ़कर 73,961.31 अंक पर बंद हुआ। इससे पांच दिन से जारी गिरावट का सिलसिला टूटा।

 ⁠

सूचकांक की प्रमुख कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का बाजार पूंजीकरण (एमकैप) 67,792.23 करोड़ रुपये घटकर 19,34,717.12 करोड़ रुपये रह गया, जबकि टीसीएस का एमकैप 65,577.84 करोड़ रुपये घटकर 13,27,657.21 करोड़ रुपये रह गया।

इन्फोसिस का मूल्यांकन 24,338.1 करोड़ रुपये घटकर 5,83,860.28 करोड़ रुपये और आईटीसी का एमकैप 12,422.29 करोड़ रुपये घटकर 5,32,036.41 करोड़ रुपये रह गया।

एलआईसी का एमकैप 10,815.74 करोड़ रुपये घटकर 6,40,532.52 करोड़ रुपये रह गया, जबकि एचयूएल का मूल्यांकन 9,680.31 करोड़ रुपये घटकर 5,47,149.32 करोड़ रुपये रह गया।

भारती एयरटेल का बाजार पूंजीकरण 9,503.31 करोड़ रुपए घटकर 7,78,335.40 करोड़ रुपए तथा आईसीआईसीआई बैंक का बाजार पूंजीकरण 8,078.11 करोड़ रुपए घटकर 7,87,229.71 करोड़ रुपए रह गया।

हालांकि, एचडीएफसी बैंक का एमकैप 10,954.49 करोड़ रुपये बढ़कर 11,64,083.85 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।

एसबीआई का बाजार पूंजीकरण 1,338.7 करोड़ रुपये बढ़कर 7,40,832.04 करोड़ रुपये हो गया।

शीर्ष 10 कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे अधिक मूल्यवान कंपनी रही, जिसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, एसबीआई, एलआईसी, इंफोसिस, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी का स्थान रहा।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय


लेखक के बारे में