बिजली इंजीनियरों के निकाय ने सरकार से बिजली विधेयक जल्दबाजी में पेश नहीं करने को कहा

बिजली इंजीनियरों के निकाय ने सरकार से बिजली विधेयक जल्दबाजी में पेश नहीं करने को कहा

बिजली इंजीनियरों के निकाय ने सरकार से बिजली विधेयक जल्दबाजी में पेश नहीं करने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:58 pm IST
Published Date: July 10, 2022 8:56 pm IST

नयी दिल्ली, 10 जुलाई (भाषा) बिजली क्षेत्र के इंजीनियरों के एक निकाय ने सरकार से संसद के आगामी मानसून सत्र में बिजली (संशोधन) विधेयक जल्दबाजी में पेश नहीं करने को कहा है।

ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह को लिखे पत्र में कहा कि प्रस्तावित कानून को सभी हितधारकों के साथ चर्चा करने के बाद ही आगे बढ़ाना चाहिए।

एआईपीईएफ ने एक बयान में कहा कि उसकी मांग है कि हाल में जारी बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 को मानसून सत्र में जल्दबाजी में पेश नहीं करना चाहिए और इस पर बिजली उपभोक्ताओं, बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और अन्य हितधारकों के साथ विस्तार के साथ चर्चा की जानी चाहिए।

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बयान में कहा गया कि फेडरेशन ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजकर संशोधन विधेयक को रोकने के लिए प्रभावी हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।

संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने की संभावना है।

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री को भेजे गए पत्र में एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने कहा कि मसौदा बिजली (संशोधन) विधेयक 2022, जिसे कुछ दिन पहले जारी किया गया था, बिजली अधिनियम 2003 में संशोधन करने के लिए अधूरा और अपर्याप्त है।

उन्होंने लिखा कि यह संशोधन विधेयक अभी तक बिजली मंत्रालय की वेबसाइट पर नहीं डाला गया है, और इसके लिए हितधारकों से कोई सुझाव या टिप्पणी भी नहीं मांगी गई है।

भाषा पाण्डेय जतिन

जतिन


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