ईयू का वन-कटाई नियम भारतीय कृषि आधारित उद्योगों के लिए नए अवसर खोलेगा: अधिकारी

ईयू का वन-कटाई नियम भारतीय कृषि आधारित उद्योगों के लिए नए अवसर खोलेगा: अधिकारी

ईयू का वन-कटाई नियम भारतीय कृषि आधारित उद्योगों के लिए नए अवसर खोलेगा: अधिकारी
Modified Date: July 30, 2023 / 03:32 pm IST
Published Date: July 30, 2023 3:32 pm IST

नयी दिल्ली, 30 जुलाई (भाषा) यूरोपीय संघ (ईयू) के वन-कटाई नियमों को सख्त बनाने से भारत के कृषि आधारित उद्योगों को नए अवसर मिलेंगे। एक अधिकारी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत में वन क्षेत्र काफी बढ़ रहा है, जिससे देश को वैश्विक प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले बढ़त मिलेगी।

एक ओर जहां लातिनी अमेरिका और अफ्रीका के कई देश खेती के लिए अपने जंगलों को साफ कर रहे हैं, वहीं भारत का वन क्षेत्र बढ़ रहा है। यहां खेती के लिए जंगल काटने का चलन नहीं है।

सरकारी अधिकारी ने कहा कि ये नियम ‘‘हमारे उद्योगों के लिए एक बड़ा अवसर हैं, क्योंकि हमारा वन क्षेत्र लगातार बढ़ रहा है।’’

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उन्होंने कहा, ‘‘हमारी वन भूमि, कृषि जमीन से अलग है। हम इन तथ्यों को यूरोपीय संघ के सामने रख सकते हैं और इस विनियमन पर एक तरह की समझ बना सकते हैं।’’

शोध संस्थान ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूरोपीय संघ के वन-कटाई नियमों के कारण भारत से यूरोपीय संघ को सालाना 1.3 अरब डॉलर मूल्य के कॉफी, चमड़ा और पेपरबोर्ड जैसे उत्पादों का निर्यात प्रभावित होगा।

कार्बन सीमा कर लागू करने के तीन सप्ताह के भीतर 16 मई को ईयू ने यूरोपीय संघ वन-कटाई मुक्त उत्पाद विनियमन (ईयू-डीआर) को अपनाया।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय


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