विदेशों में बाजार टूटने से खाद्य तेल-तिलहनों कीमतों में गिरावट |

विदेशों में बाजार टूटने से खाद्य तेल-तिलहनों कीमतों में गिरावट

विदेशों में बाजार टूटने से खाद्य तेल-तिलहनों कीमतों में गिरावट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:46 PM IST, Published Date : May 25, 2022/7:47 pm IST

नयी दिल्ली, 25 मई (भाषा) सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम (कच्चातेल) को छोड़कर सीपीओ और पामोलीन जैसे बाकी तेल-तिलहनों के आयात शुल्क में कमी नहीं किये जाने से मलेशिया एक्सचेंज में गिरावट आई। विदेशी बाजारों की गिरावट के कारण स्थानीय स्तर पर सरसों, मूंगफली, सोयाबीन तेल-तिलहन, बिनौला, सीपीओ, पामोलीन खाद्य तेल कीमतों में गिरावट आई। केवल सोयाबीन इंदौर तेल का भाव जस का तस बना रहा।

बाजार सूत्रों ने बताया कि सरकार ने केवल सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम (कच्चातेल) की रिफाइनिंग कंपनियों को मार्च, 2024 तक हर साल 20 लाख टन के सालाना आयात पर आयात शुल्क से छूट प्रदान करने के बारे में सोचा है। इसके लिए रिफाइनिंग कंपनियों से 27 मई से 28 जून तक जानकारी मांगी है कि वे कितनी मात्रा में खाद्य तेलों का आयात करने का इरादा रखती हैं। यह छूट केवल उन कंपनियों के लिए है जो आयातित तेल का परिशोधन करने के बाद उपभोक्ताओं को इसे बेचने का इरादा रखती हैं। आयात शुल्क में छूट दिये जाने की संभावना से वंचित रहने के कारण मलेशिया में बाजार टूट गया और सीपीओ और पामोलीन तेलों में गिरावट आई।

सूत्रों ने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में 2.25 प्रतिशत की गिरावट थी, जबकि शिकॉगो एक्सचेंज में लगभग 1.5 प्रतिशत की गिरावट थी।

सूत्रों ने कहा कि सूरजमुखी और सोयाबीन डीगम (कच्चातेल) के आयात शुल्क में कमी किये जाने के प्रयासों के बीच विदेशों में आई गिरावट के कारण स्थानीय कारोबार भी प्रभावित हुआ और सरसों, मूंगफली और सोयाबीन तेल-तिलहनों के भाव नरमी दर्शाते बंद हुए। केवल सोयाबीन इंदौर के भाव जस के तस बने रहे।

सूत्रों ने कहा कि पशुचारे के रूप में इस्तेमाल होने वाले बिनौला तेल खली की बिक्री पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में छूट है। इस छूट का इस्तेमाल करते हुए कुछ लोग नकली बिनौला खली बना रहे हैं जिनपर कड़ाई किये जाने की आवश्यकता है।

सूत्रों ने कहा कि आयात शुल्क कम ज्यादा करने की जगह सरकार को तिलहन उत्पादन बढ़ाने पर जोर देना होगा जो दूसरे देशों पर आयात की निर्भरता को खत्म करने में मदद करेगा।

सूत्रों ने कहा कि सरकार को शुल्क कम ज्यादा करने से कहीं ज्यादा बाजार में थोक बिक्री मूल्य और खुदरा बिक्री मूल्य के बीच के भारी अंतर को कम करने के उपायों के बारे में सोचना चाहिये।

बुधवार को तेल-तिलहनों के भाव इस प्रकार रहे:

सरसों तिलहन – 7,565-7,615 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली – 6,710 – 6,845 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात) – 15,700 रुपये प्रति क्विंटल।

मूंगफली सॉल्वेंट रिफाइंड तेल 2,635 – 2,825 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 15,150 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 2,380-2,460 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,420-2,530 रुपये प्रति टिन।

तिल तेल मिल डिलिवरी – 17,000-18,500 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 16,650 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 16,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन तेल डीगम, कांडला- 15,000 रुपये प्रति क्विंटल।

सीपीओ एक्स-कांडला- 14,700 रुपये प्रति क्विंटल।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 15,200 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन आरबीडी, दिल्ली- 16,250 रुपये प्रति क्विंटल।

पामोलिन एक्स- कांडला- 15,080 रुपये (बिना जीएसटी के) प्रति क्विंटल।

सोयाबीन दाना – 6,950-7,050 रुपये प्रति क्विंटल।

सोयाबीन लूज 6,650- 6,750 रुपये प्रति क्विंटल।

मक्का खल (सरिस्का) 4,000 रुपये प्रति क्विंटल।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)