नयी दिल्ली, पांच अप्रैल (भाषा) देश में वित्त वर्ष 2020- 21 के शुरुआती दस माह के दौरान शेयरों के जरिये हिस्सेदारी में किया जाने वाला प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (इक्विटी- एफडीआई) 28 प्रतिशत बढ़कर 54.18 अरब डॉलर रहा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (एफडीआई) के सोमवार को जारी आंकड़े के अनुसार एक साल पहले इसी अवधि में इक्विटी में एफडीआई निवेश 42.34 अरब डॉलर रहा था।
कुल एफडीआई (अर्जित कमाई को फिर से निवेश समेत) वित्त वर्ष 2020-21 के पहले 10 महीनों में 15 प्रतिशत बढ़कर 72.12 अरब डॉलर रहा।
इसमें कहा गया है, ‘‘एफडीआई मामले में नीतिगत सुधार, निवेश को आसान बनाने तथा कारोबार सुगमता से देश में एफडीआई प्रवाह बढ़ा है। इन्हीं कारणों से 2020-21 में अप्रैल-जनवरी में कुल एफडीआई प्रवाह 72.12 अरब डॉलर रहा।’’
बयान के अनुसार किसी भी वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में यह अब तक का सर्वाधिक एफडीआई है।
निवेश करने वाले देशों में सिंगापुर कुल एफडीआई इक्विटी प्रवाह में 30.28 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ पहले स्थान पर रहा। उसके बाद अमेरिका (24.28 प्रतिशत) और संयुक्त अरब अमीरात (7.31 प्रतिशत) का स्थान रहा।
मंत्रालय के अनुसार पिछले वित्त वर्ष के पहले 10 महीनों में एफडीआई के लिहाज से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र शीर्ष पर रहा। कुल एफडीआई का 45.81 प्रतिशत इस क्षेत्र में आया। इसके बाद निर्माण (बुनियादी ढांचा) गतिविधियों (13.37 प्रतिशत) तथा सेवा क्षेत्र (7.80 प्रतिशत) का स्थान रहा।
बयान के अनुसार, ‘‘देश के एफडीआई की यह प्रवृत्ति बताती है कि वैश्विक निवेशक भारत को एक तरजीही निवेश गंतव्य के रूप में देख रहे हैं।’’
भाषा
रमण महाबीर
महाबीर
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