फियो ने वित्त मंत्रालय से बजट में निर्यातकों के लिए कड़े प्रस्तावों पर विचार करने को कहा

फियो ने वित्त मंत्रालय से बजट में निर्यातकों के लिए कड़े प्रस्तावों पर विचार करने को कहा

फियो ने वित्त मंत्रालय से बजट में निर्यातकों के लिए कड़े प्रस्तावों पर विचार करने को कहा
Modified Date: November 29, 2022 / 08:34 pm IST
Published Date: February 10, 2021 1:20 pm IST

नयी दिल्ली, 10 फरवरी (भाषा) निर्यातकों की शीर्ष संस्था फियो ने बुधवार को वित्त मंत्रालय से बजट 2021 में सीमा शुल्क से संबंधित ‘‘कठोर और क्रूर’’ प्रस्तावों पर दोबारा विचार करने को कहा, क्योंकि इससे निर्यातक समुदाय और एक भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता के रूप में देश की क्षवि प्रभावित होगी।

फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष एस के सराफ ने कहा कि वित्त विधेयक के माध्यम से लाए गए कुछ प्रावधानों का निर्यात पर ‘‘गंभीर’’ असर होगा।

उन्होंने कहा कि सीमा शुल्क कानून की धारा 113 में प्रस्तावित संशोधन (जो अनुचित तरीके से निर्यात करने पर माल को जब्त करने के संबंध में है) पर फिर से विचार करने की जरूरत है, क्योंकि यह ‘‘कठोर और क्रूर’’ है।

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बजट में धारा 113 में एक उप-धारा को शामिल करने का प्रस्ताव है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी उत्पाद शुल्क या कर छूट या वापसी के दावे के तहत गलत दावा किया जाता है, तो माल जब्त किया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि ‘‘गलत दावा’’ शब्द की कई व्याख्या हो सकती हैं और ऐसे में निर्यातक क्षेत्रीय संरचनाओं की दया पर निर्भर हो जाएंगे, चाहें छूट दरों की गलत गणना हो या किसी विशेष दर के तहत उत्पाद के वर्गीकरण के बारे में विवाद उत्पन्न हो।

उन्होंने कहा, ‘‘छूट की दर उत्पाद मूल्य के मुकाबले दो प्रतिशत हो सकती हैं और इतने कम लाभ के लिए पूरे सामान को जब्त नहीं किया जाना चाहिए। हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह सीमा शुल्क कानून की धारा 113 के नए बनाए गए उप-धारा पर विचार करे।’’

सराफ ने यह भी कहा कि वित्त विधेयक ने आईजीएसटी अधिनियम की धारा 16 में संशोधन कर आईजीएसटी (एकीकृत माल और सेवा कर) के भुगतान पर निर्यात की सुविधा को वापस ले लिया है। जब तक नए संशोधन अधिसूचित नहीं होते हैं , निर्यातकों के समक्ष दो विकल्प हैं। वे या तो आईजीएसटी का भुगतान करके निर्यात माल को बाहर भेजें या भुगता के लिए बांड/ सहमति पत्र (एलयूटी) भर कर निर्यात करें।

सराफ ने कहा कि इन दोनों विकल्पों में निर्यातकों के लिए रिफंड हासिल करने में कोई झंझट नहीं होती। इस समय 60-70 प्रतिशत निर्यातक आईजीएसटी दे कर निर्यात करते हैं और उन्हें शिपिंग बिल के आधार पर आसानी से रिफंड हो जाता है।

फियो अध्यक्ष ने निर्यात कारोबार की संभाावनओं के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वर्तमान रुझानों से लगता है कि 2021-22 में देश का निर्यात 285-290 अरब डालर तक पहुंच सकता है। अगले साल भारत को 340-350 अरब डालर का लक्ष्य रखना चाहिए।

2019-20 में निर्यात 314 अरब डालर था।

फियो अध्यक्ष ने निर्यात उत्पादों पर शुल्क और करों के परिहार (छूट) की दरों को भी शीघ्र जारी किए जाने की अपील की ताकि निर्यातकों को अनुबंध करने में सहूलियत हो सके।

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर


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