वर्ष 2023 में आम जनता को महंगाई से मिलेगी राहत!, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिया भरोसा, कही ये बड़ी बात

Nirmala Sitharaman latest Statement: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2023 में देश की महंगाई दर कम हो सकती है।

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  • Publish Date - November 30, 2022 / 09:20 PM IST,
    Updated On - November 30, 2022 / 09:20 PM IST

Finance Ministry asks banks to avoid unethical methods for selling insurance policies

Nirmala Sitharaman latest Statement: नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि खाने पीने की वस्तुओं की सप्लाई से जुड़े दबावों से निपटने की अच्छी रणनीति के चलते भारत महंगाई का बेहतर तरीके से सामना करने में सफल रहेगा। वित्त मंत्री ने महंगाई को लेकर कहा कि मुद्रास्फीति अगले साल नीचे आएगी क्योंकि केंद्रीय बैंक के अधिकारियों ने कठिन वैश्विक विपरीत परिस्थितियों में कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भरपूर प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा, आरबीआई से भी ऐसे संकेत मिले हैं कि मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख है और अगले साल की शुरुआत या मध्य तक यह सुविधाजनक दायरे में आ जाएगी।

Nirmala Sitharaman latest Statement: रायटर्स नेक्ट कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री ने कहा है कि देश में निजी निवेश में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। उन्होंने कहा कि सरकार के कैपिटल एक्सपेंडिचर की बदौलत भारत उच्च विकास दर को बनाये रखने में कामयाब रहेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस वर्ष और अगले वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत ही बेहतर तरीके से विकास करेगा।

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बहरहाल अक्टूबर 2022 में खुदरा महंगाई दर घटकर 7 फीसदी से घटकर 6.7 फीसदी पर आ गई है। इसके बावजूद 7 दिसंबर 2022 को मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक के बाद ब्याज दरें बढ़ने की संभावना बनी हुई है। आरबीआई पहले ही रेपो रेट 190 बेसिस प्वाइंट बढ़ा चुका है।

Nirmala Sitharaman latest Statement: रूसी तेल पर प्राइस कैप लगाने के रेस में भारत की भूमिका पर वित्त मंत्री ने कहा कि सस्ते के साथ तेल की उपलब्धता बनाये रखने के लिए भारत के हक में जो उचित होगा उसी के आधार पर निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने यह माना कि कच्चे तेल के आयात के कारण मुद्रास्फीति में होने वाला उतार-चढ़ाव आगे भी बना रह सकता है। उन्होंने कहा, ‘कच्चे तेल को किफायती दाम पर सबके लिए उपलब्ध होना चाहिए और इसे एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। अगर वस्तुओं की आवाजाही को बाधित किया जाता है तो उसका हम पर असर पड़ सकता है।

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प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव के विस्तार को लेकर वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का मन इसे लेकर पूरी तरह खुला हुआ है। क्रिप्टोकरेंसी के रेग्युलेशन पर उन्होंने कहा कि क्रिप्टो एसेट्स जिस तरह चले आ रहे हैं, इसे रेग्युलेट किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जबतक सभी देश साथ नहीं आयेंगे इसे रेग्युलेट करना संभव नहीं हो सकेगा।

बहरहाल सरकार का फोकस अब एक फरवरी 2023 को पेश होने वाले बजट पर है। वित्त मंत्री पहले ही कह चुकी हैं कि बजट में महंगाई पर नियत्रंण और रोजगार के अवसर बढ़ाने उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में शामिल रहेगा।

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