वित्त मंत्रालय ने छोटे कर्जदारों को आरबीआई के स्वर्ण ऋण मानदंडों से बाहर रखने का दिया सुझाव

वित्त मंत्रालय ने छोटे कर्जदारों को आरबीआई के स्वर्ण ऋण मानदंडों से बाहर रखने का दिया सुझाव

वित्त मंत्रालय ने छोटे कर्जदारों को आरबीआई के स्वर्ण ऋण मानदंडों से बाहर रखने का दिया सुझाव
Modified Date: May 30, 2025 / 12:01 pm IST
Published Date: May 30, 2025 12:01 pm IST

नयी दिल्ली, 30 मई (भाषा) वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के, सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने वालों के हितों की रक्षा के लिए विवेकपूर्ण मानदंडों और तौर-तरीकों से संबंधित दिशानिर्देशों पर गौर किया और दो लाख रुपये तक के छोटे कर्जदारों को प्रस्तावित नियमों के प्रावधानों से बाहर रखने का सुझाव दिया है।

तमिलनाडु में राजनीतिक दलों के एक वर्ग की ओर से इसको लेकर जारी विरोध के बीच यह फैसला किया गया।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इन दिशानिर्देशों का मसौदा नौ अप्रैल को जारी किया था। इसमें ऋणदाताओं से ऐसे ऋण साधनों से संबंधित दस्तावेजों को लेकर समानता बरतने का आग्रह किया गया है।

 ⁠

वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जानकारी दी कि आरबीआई द्वारा सोना गिरवी रखकर कर्ज लेने वालों की हितों की रक्षा करने के लिए जारी मसौदा निर्देशों पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मार्गदर्शन में वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने गौर किया। डीएफएस ने केंद्रीय बैंक को सुझाव दिए हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छोटे स्वर्ण ऋण उधारकर्ताओं की आवश्यकताओं पर प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।

मंत्रालय ने बताया कि डीएफएस ने यह भी कहा है कि ऐसे दिशानिर्देशों को क्षेत्रीय स्तर पर लागू करने के लिए समय की आवश्यकता होगी और इसलिए इन्हें एक जनवरी 2026 से ही लागू करना उपयुक्त हो सकता है।

इसमें कहा गया, ‘‘ डीएफएस ने सुझाव दिया है कि दो लाख रुपये से कम के छोटे कर्जदारों को इन प्रस्तावित निर्देशों की शर्तों से बाहर रखा जा सकता है, ताकि ऐसे छोटे कर्जदारों को समय पर और शीघ्र ऋण वितरण सुनिश्चित किया जा सके।’’

वित्त मंत्रालय ने कहा कि आरबीआई मसौदा दिशानिर्देशों पर प्राप्त प्रतिक्रिया की समीक्षा कर रहा है और उम्मीद है कि विभिन्न हितधारकों द्वारा उठाई गई चिंताओं के साथ-साथ जनता से प्राप्त प्रतिक्रिया पर केंद्रीय बैंक द्वारा दिशानिर्देशों को अंतिम रूप देने से पहले उचित रूप से विचार किया जाएगा।

तमिलनाडु में राजनीतिक दलों और किसान संगठनों के एक वर्ग ने स्वर्ण ऋण पर आरबीआई के मसौदा दिशानिर्देश का विरोध किया है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर भारतीय रिजर्व बैंक को नए दिशा-निर्देशों में प्रस्तावित प्रतिबंधों पर पुनर्विचार करने की सलाह देने का आग्रह किया।

स्टालिन ने लोगों को प्रभावित करने वाले पांच प्रमुख प्रभावों को रेखांकित करते हुए सीतारमण से इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था जो कृषक समुदाय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

आरबीआई ने मसौदा में कहा था कि ऋणदाताओं को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गिरवी रखने जाने वाले स्वर्ण आभूषण की शुद्धता, उसके वजन (सकल और शुद्ध) आदि की जांच के लिए एक मानकीकृत प्रक्रिया अपनाई जाए और यह प्रक्रिया ऋणदाता की सभी शाखाओं में एकसमान रूप से अपनाई जाए। नीति के तहत निर्धारित सभी प्रक्रियाओं का विवरण ग्राहकों की जानकारी के लिए ऋणदाताओं की वेबसाइट पर जारी किए जाएं।

मसौदे के अनुसार, ऋणदाता की सभी शाखाओं में दस्तावेजीकरण मानकीकृत होना चाहिए।

ऋण समझौते में प्रतिभूति के रूप में लिए गए स्वर्ण आभूषण का विवरण, उसका मूल्य, नीलामी प्रक्रिया का विवरण और उसकी नीलामी के लिए परिस्थितियां, नीलामी आयोजित होने से पहले ऋण के पुनर्भुगतान/निपटान के लिए उधारकर्ता को दी जाने वाली नोटिस अवधि का विवरण शामिल होना चाहिए। साथ ही अशिक्षित उधारकर्ताओं को ऋणदाताओं को गवाह की उपस्थिति में महत्वपूर्ण नियम व शर्तें समझाई जानी चाहिए।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा


लेखक के बारे में