परिधान निर्यात में वृद्धि के लिए एफटीए को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने की जरूरत: आरबीआई लेख

परिधान निर्यात में वृद्धि के लिए एफटीए को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने की जरूरत: आरबीआई लेख

परिधान निर्यात में वृद्धि के लिए एफटीए को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने की जरूरत: आरबीआई लेख
Modified Date: November 29, 2022 / 08:18 pm IST
Published Date: December 15, 2021 9:12 pm IST

मुंबई, 15 दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के एक लेख में बुधवार को कहा गया कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच भारत को परिधान निर्यात में वृद्धि के लिए यूरोपीय संघ और अमेरिका जैसे प्रमुख निर्यात स्थलों के साथ मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाने की जरूरत है।

भारत को बांग्लादेश और कंबोडिया जैसे देशों से तगड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है, जहां शुल्क रियायतें दी जाती हैं।

लेख में कहा गया, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में भारत के कपड़ा निर्यात में और विशेष रूप से परिधान निर्यात में लगभग ठहराव देखा गया है।’’

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आरबीआई बुलेटिन में प्रकाशित इस लेख में कहा गया कि यूरोपीय संघ के लिए भारत का परिधान निर्यात पिछले एक दशक में स्थिर हो गया है, जबकि बांग्लादेश, वियतनाम और कंबोडिया जैसे अन्य देशों के निर्यात में मजबूत वृद्धि देखी गई है।

लेख में आगे कहा गया कि बांग्लादेश और कंबोडिया से परिधान निर्यात तेजी से बढ़ने के पीछे शुल्क प्रोत्साहन एक प्रमुख वजह है।

आरबीआई अधिकारियों द्वारा लिखे गए लेख में कहा गया, ‘‘समान शुल्क ढांचे के बावजूद वियतनाम द्वारा यूरोपीय संघ को परिधान निर्यात में मजबूत वृद्धि से कुछ अंतर्निहित मुद्दों का संकेत मिलता है, जिसका भारत में परिधान निर्यातकों को सामना करना पड़ रहा है।’’

आरबीआई ने हालांकि कहा कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और ये भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय


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